Telangana Politics: BRS यानी भारत राष्ट्र समिति 2023 के विधानसभा में चुनावों में हार के बाद संघर्ष करती नजर आ रही थी लेकिन इस बीच पार्टी के लिए एक खुशखबरी आई है क्योंकि हैदराबाद में बीआरएस की कार्यकारी बैठक में लंबे वक्त बाद पार्टी के प्रमुख और पूर्व सीएम केसीआर भी शामिल हुए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया।

के चंद्रशेखर राव, जिन्हें केसीआर के नाम से जाना जाता है, उन्होंने अपनी पार्टी की हार के बाद से ही सार्वजनिक रूप से दूरी बना ली थी। विधानसभा की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हो रहे थे। उनका एक्टिव पॉलिटिक्स में आना बीआरएस के लिए अहम माना जा रहा है।

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बीआरएस के कर्ताधर्ता की वापसी ऐसे वक्त में हुई है, जब सीएम रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार जाति सर्वेक्षण में पिछड़े वर्गों की कथित कम गिनती को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही है।

टीआरएस के तौर पर केसीआर ने द्वारा अपनी पार्टी का साल 2001 में गठन किया था। पार्टी की रजत जयंती के अवसर पर राज्य के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरे वर्ष राज्यव्यापी आंदोलन आयोजित करने की घोषणा की है, जिसको लेकर बीआरएस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं और सोए हुए संगठन में एक जान सी आ गई है।

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नागरकुरनूल जिले में बीआरएस के एक जिला पदाधिकारी ने कहा कि केसीआर पर्दे के पीछे से सक्रिय रहे हैं और अब कांग्रेस सरकार को चुनौती देने के लिए सामने आए हैं। उनके संबोधन और 19 फरवरी को उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों ने निश्चित रूप से कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल बढ़ाया है। इससे यह संदेश भी गया है कि बीआरएस यहां टिकने वाली है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने बीआरएस सहयोगियों से पार्टी को जमीनी स्तर पर खड़ा करने का आग्रह किया और तेलंगाना के लोगों से वादा किया कि कांग्रेस शासन में जब वे पीड़ित होंगे तो बीआरएस उनके साथ खड़ी रहेगी। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा कि पांच घंटे की बैठक से एक स्पष्ट रोडमैप सामने आया है।

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केटीआर ने कहा कि हमने देखा है कि कांग्रेस के खराब शासन के कारण किसान, छात्र, ऑटोरिक्शा चालक और यहां तक ​​कि रियल एस्टेट कारोबारी भी आत्महत्या कर चुके हैं। पूर्व सीएम के बेटे ने कहा कि बीआरएस अप्रैल में हैदराबाद में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसमें पार्टी की “भविष्य-उन्मुख” योजना को लॉन्च किया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और केसीआर के भतीजे टी हरीश राव को जनसभा के आयोजन का काम सौंपा गया है।

बैठक में लिए गए फैसले इस बात का संकेत दे रहे हैं कि बीआरएस आगे की ओर देख रही है। उदाहरण के लिए परिसीमन के बाद महिलाओं के लिए 53 सीटें आरक्षित करने और प्रमुख मुद्दों पर हर महीने एक विरोध प्रदर्शन करने का पार्टी का फैसला इस बात के संकेत हैं कि बीआरएस कांग्रेस सरकार से मुकाबला करने के लिए उत्सुक है।

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पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर आप देखें तो बहुत से फ़ैसले अतीत पर आधारित नहीं थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार से निपटने के लिए बीआरएस की मंशा को दर्शाया, जो यह झूठा प्रचार कर रही है कि बीआरएस खत्म हो चुकी है। यह बैठक बीआरएस के लिए एक नई शुरुआत है।

कांग्रेस सरकार पर तेलंगाना के लिए केंद्र से कुछ भी हासिल करने में विफल होने का आरोप लगाते हुए केटीआर ने कहा कि राज्य से BJP और कांग्रेस के आठ-आठ सांसद हैं, लेकिन वे सभी राज्य के हितों का प्रतिनिधित्व करने में विफल रहे। उन्होंने रेवंत रेड्डी पर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया और राज्य की वित्तीय स्थिति पर सदन में बहस की मांग की। तेलंगाना से संबंधित अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।