तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे 8 कर्मियों को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। उनके सुरंग में जीवित होने की उम्मीद धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। हालांकि, बचाव दल सुरंग के बड़े हिस्से 13.85 किमी में से 13.79 किमी को कवर करने में कामयाब रहे हैं लेकिन अंतिम भाग चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि ढहने वाले स्थान पर पानी और कीचड़ का मिश्रण है। ऐसे में कैमरा लगे ड्रोन, सोनार और पोर्टेबल कैमरा रोबोट जैसे उपकरणों की मदद ली जा रही है जो तंग जगहों में उड़ान भरने में सक्षम हैं।

वहीं, एसएलबीसी के अंदर श्रमिक कॉलोनियों में रह रहे सैकड़ों सुरंग श्रमिक अभी भी भुगतान और काम से रिहाई की मांग कर रहे हैं। दो एसएलबीसी श्रमिक कॉलोनियों में रह रहे सैकड़ों सुरंग श्रमिक मांग कर रहे हैं कि सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड उन्हें वेतन दे और उन्हें जाने दे।

ज़्यादातर मज़दूर झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश से हैं। सुरंग का काम अनिश्चित काल के लिए ठप होने की वजह से ज़्यादातर मज़दूरों को दूसरी जगहों पर भी रोज़गार के अवसर खोने का डर सता रहा है। एसएलबीसी में वेल्डर गोविंद साहू ने इंडियन एक्स्प्रेस से कहा, “हममें से जिन लोगों ने शनिवार की सुबह सुरंग में भयावह दृश्य देखा, वे अब यहां या किसी भी सुरंग में काम पर वापस नहीं लौट सकते। हमें घर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।”

बुधवार शाम को तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि बचाव अभियान अगले दो दिनों में समाप्त होने की उम्मीद है। पिछले शनिवार को नागरकुरनूल जिले के डोमलपेंटा के पास सुरंग की छत का एक हिस्सा ढहने के बाद फंसे आठ लोगों को बचाने के अभियान का नेतृत्व राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल कर रहा है और इसमें सेना, नौसेना और अन्य विशेष बल शामिल हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भी इस प्रयास में शामिल हो गया है।

ड्रोन, सोनार और रोबोट… तेलंगाना की सुरंग में फंसे लोगों को निकालने में जुटी 11 एजेंसियां

रेड्डी जो बचाव प्रयासों की देखरेख कर रहे हैं उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मंगलवार को आकलन किया गया कि जो लोग जीवित बचे लोगों को बचाने और बाहर निकालने के लिए जा रहे हैं, वे खुद बहुत जोखिम में होंगे। कल और आज, हमने स्थिति का गहन मूल्यांकन किया है और बचावकर्मियों के लिए जोखिम को कम करने और कुशलतापूर्वक आगे बढ़ने के लिए स्पष्ट रणनीति तैयार की है। अब हमारे पास एक अच्छी तरह से परिभाषित योजना है, और हम अधिक तेज़ी से बचाव और राहत कार्यों को तेज कर रहे हैं।”

एन उत्तम कुमार रेड्डी ने मंगलवार शाम को बताया कि इस अभियान में अब 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियां ​​लगी हुई हैं। इनमें सेना, नौसेना, मार्कोस कमांडो, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, MORPH, सिंगरेनी, HYDRAA, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, नवयुग और एलएंडटी सुरंग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) शामिल हैं। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स