Kalyan Banerjee vs Abhishek Banerjee Controversy: ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में नेताओं के बीच जंग छिड़ती दिख रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद कल्याण बनर्जी ने पार्टी के कुछ नेताओं के बर्ताव की खुलेआम आलोचना की है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वह टीएमसी में इसलिए हैं क्योंकि दीदी (ममता) यहां हैं। वरना वह पार्टी छोड़ देते। कल्याण बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों के व्यवहार को देखने के बाद वह अब पार्टी में नहीं रहना चाहते।
बनर्जी ने कहा कि उन्होंने और टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष के अलावा किसी भी टीएमसी नेता ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में प्रशासन का समर्थन नहीं किया। तब टीएमसी नेता शांतनु सेन और सुखेंदु शेखर रॉय ने बार-बार सरकार के फैसलों की आलोचना की थी।
कल्याण बनर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। वह कोलकाता के कालीघाट में ममता बनर्जी के घर के पास ही रहते हैं। वह तब से ममता बनर्जी के साथ हैं, जब टीएमसी बनी थी। सिंगूर-नंदीग्राम के आंदोलन के दौरान वह ममता बनर्जी के लिए अदालत में भी लड़ चुके हैं। वह पार्टी के पुराने चेहरे हैं।
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टीएमसी के अंदर यह लड़ाई तब शुरू हुई जब पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने मैदुल इस्लाम और सोनाली बनर्जी को टीएमसी की एजुकेशन सेल से हटा दिया। इन नेताओं ने दावा किया कि उन्हें इसलिए हटाया गया क्योंकि वे ममता के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी के करीबी थे।
इस बारे में कल्याण बनर्जी ने कहा, “वे ठीक नहीं कर रहे हैं, उन्हें ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए वरना पार्टी में अभिषेक की स्थिति अच्छी नहीं होगी। उन्हें समझना चाहिए कि जो भी फैसला लिया गया वह ममता बनर्जी के निर्देश पर लिया गया था।”
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टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कल्याण बनर्जी के बयान का समर्थन किया है। कल्याण बनर्जी के बयान पर टीएमसी के भीतर से ही तीखी प्रतिक्रिया आई है। टीएमसी नेता और ममता सरकार में संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि अगर मेरा व्यवहार खराब है या किसी को इससे परेशानी होती है तो वह पार्टी में नहीं रहेंगे।
टीएमसी में चल रही इस लड़ाई को लेकर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी की आलोचना की है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि किसी में भी ममता बनर्जी को कुछ कहने की हिम्मत नहीं है और हर कोई ममता बनर्जी की तस्वीर को सामने रखकर भ्रष्टाचार कर रहा है।
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बताना होगा कि पश्चिम बंगाल की सियासत में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच मनमुटाव की खबरें बीच-बीच में सामने आती रहती हैं। देखना होगा कि क्या कल्याण बनर्जी के बयान के बाद टीएमसी में चल रही यह लड़ाई और बढ़ेगी?
टीएमसी में यह सवाल खड़े होते हैं कि क्या अभिषेक बनर्जी की पार्टी के अंदर दखलअंदाजी बढ़ रही है? पिछले कुछ दिनों में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के करीबी नेताओं के बीच मतभेद की खबरें सामने आ चुकी हैं। इस महीने की शुरुआत में ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों की आलोचना की थी। कहा गया था कि यह सभी मंत्री अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं। कहा जाता है कि अभिषेक बनर्जी उन जगहों पर टीएमसी के जिला अध्यक्षों को बदलना चाहते हैं जहां लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।
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