Uttarakhand Helicopter Crash: उत्तराखंड में रविवार की सुबह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद हेलीकॉप्टर ऑपरेटर आर्यन एविएशन के दो मैनेजर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में ऑपरेटर पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि हेलीकॉप्टर ने बादलों और कोहरे के कारण खराब विजिबिलिटी में अपने अलॉट किए गए टाइम से 50 मिनट पहले ही उड़ान भरी।
दरअसल, केदारनाथ से चार धाम यात्रा के तीर्थयात्रियों को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड के पास हादसे का शिकार हो गया। इसमें सवार दो साल के बच्चे सहित सभी सात लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को गंभीरता से लिया है और हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। बेल 407 हेलीकॉप्टर के ऑपरेशन आर्यन एविएशन द्वारा सभी चार धाम यात्रा संचालन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है और एक अलग ऑपरेटर के लिए काम कर रहे दो अन्य हेलीकॉप्टर पायलटों को खराब मौसम के हालात में उड़ान भरने के लिए छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
कहीं टूटा पुल तो कहीं हेलीकॉप्टर क्रैश
आर्यन एविएशन के अधिकारियों के खिलाफ बीएनएस धारा 105 और एयरक्राफ्ट एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। इसमें कहा गया है कि आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को 15-06-2025 को सुबह 6 से 7 बजे के बीच हेलीकॉप्टर संचालन के लिए पहला उड़ान स्लॉट आवंटित किया गया था। हालांकि, दुर्घटना आवंटित स्लॉट से पहले सुबह 5.30 बजे के आसपास हुई। DGCA और UCADA की तरफ से जारी की गई SOP के अनुसार, हर एक हेलीकॉप्टर ऑपरेटर को SOP के सख्ती से पालन करना जरूरी है और जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त करना भी जरूरी है।
इतना ही नहीं यह भी कहा गया है कि उड़ान भरने से पहले मौसम की स्थिति की जांच करना भी बिल्कुल जरूरी है। घटना की सुबह क्षेत्र बादलों से ढका हुआ था और इसके बाद भी हेलीकॉप्टर का संचालन किया गया है। यह एसओपी का पूरी तरह से उल्लंघन था। एफआई में आगे आरोप लगाया गया है कि आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, इसके मैनेजर विकास तोमर और मैनेजर कौशिक पाठक अच्छी तरह जानते थे कि एसओपी की अवहेलना करने से जान-माल का नुकसान हो सकता है। दुर्घटना के हालात से पता चलता है कि आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और इसके मैनेजर ने डीजीसीए और यूसीएडीए की तरफ से जारी की गई एसओपी का पालन नहीं किया और घोर लापरवाही दिखाई। इसकी वजह से यह हादसा हुआ। 4 महीने पहले ही जुड़वां बच्चों के पिता बने थे पायलट राजवीर सिंह चौहान