Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक गुरुवार को लोकसभा में 12 घंटे की मैराथन बहस के बाद पारित हो गया। इस बहस में सरकार और विपक्ष के बीच आधी रात के बाद भी बहस जारी रही। बहस काफी जोरदार रही, लेकिन सरकार के संख्या बल ने अंतिम फैसला सुनाया। इस बिल के पक्ष में 288 सांसदों ने वोट किया जबकि बिल के विरोध में 232 वोट पड़े। अब यहां पर सबसे गौर करने वाली बात यह होगी कि जितनी आसानी ने लोकसभा में यह बिल पास हो गया क्या उतनी ही आसानी से मोदी सरकार इसे राज्यसभा में पास करा लेगी।
राज्यसभा में नंबर गेम की बात करें तो कुल मौजूद सदस्यों की संख्या 236 है। हालांकि, कुछ सांसदों की संख्या 245 हो सकती है। इस समय राज्यसभा की करीब 9 सीटें खाली हैं। उच्च सदन में वक्फ संसोधन विधेयक को पास कराने के लिए मोदी सरकार को 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। अब इसको आंकड़ों के हिसाब से समझने की कोशिश करें तो राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है। उसके पास में कुल 98 सांसद है। वहीं नीतीश कुमार की जेडीयू, तेदेपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और अन्य पार्टियों का भी एनडीए को समर्थन मिला हुआ है।
Waqf Bill पर रार के बीच वक्फ एक्ट की धारा 40 को लेकर क्या विवाद है?
राज्यसभा में एनडीए के साथ जो-जो पार्टियां हैं। उनमें उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा का एक सांसद, पत्तली मक्कल काची, तमिल मनिला कांग्रेस (टीएमसी-एम), नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) के एक-एक सांसद, रामदास आठवले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) का एक सांसद और दो निर्दलीय सांसद हैं।
उच्च सदन में वक्फ संसोधन विधेयक के विपक्ष में भी कई पार्टियां एकजुट हैं। हालांकि, यह एनडीए सरकार के संख्याबल के सामने काफी नहीं है। राज्यसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस के पास में 27 सांसद है। टीएमसी के पास 13, आम आदमी पार्टी के पास 10, डीएमके 10, वाईएसआरसीपी के पास 7 और आरजेडी 5, समाजवादी पार्टी के पास 4 और शिवसेना यूबीटी के पास में 2 सांसद है। इन सबके अलावा जो वक्फ संसोधन के विपक्ष में हैं। उनमें बीजू जनता दल और एआईएडीएमके का नाम भी शामिल है। वहीं कुछ दल ऐसे भी जिनका रुख बिल्कुल साफ नहीं है। इसमें बीआरएस, बीएसपी और एमएनएफ है। वक्फ बिल पर पल-पल की कार्यवाही के अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें…