लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक लंबी चर्चा के बाद रात दो बजे वोटिंग के बाद पास हो गया। इस बिल के पक्ष में 288 वोट डाले गए जबकि विरोध में 232 वोट डाले गए। बता दें कि बुधवार दोपहर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था। आज दोपहर बजे विधेयक राज्यसभा में पेश करने से पहले सीपीपी की आम सभा की बैठक में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष विधेयक सोनिया गांधी ने कहा कि विधेयक को जबरन पारित किया गया।

सोनिया गांधी ने कहा, “कल, वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 लोकसभा में पारित किया गया था, और आज इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। विधेयक को प्रभावी रूप से जबरन पारित किया गया। हमारी पार्टी की स्थिति स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर एक बेशर्म हमला है। यह हमारे समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में रखने की भाजपा की जानबूझकर बनाई गई रणनीति का हिस्सा है।”

कांग्रेस सांसद ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार देश को रसातल में ले जा रही है, जहां संविधान केवल कागजों पर रह जाएगा। सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘यह हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं मिल रही है। इसी तरह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन जी को बार-बार अनुरोध के बावजूद वह कहने की अनुमति नहीं दी जाती है जो वह कहना चाहते हैं और वास्तव में उन्हें कहना चाहिए। आपकी तरह मैं भी इसकी साक्षी रही हूं कि कैसे सदन हमारी वजह से नहीं, बल्कि खुद सत्तापक्ष के विरोध के कारण स्थगित होता है।’’

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सोनिया गांधी ने कहा कि यह एक असाधारण और चौंकाने वाली बात है क्योंकि यह विपक्ष को उन चिंताओं को उठाने से रोकने के लिए किया गया है, जिससे सरकार मुश्किल में पड़ सकती है। सोनिया गांधी ने दावा किया, ‘‘कल वक्फ़ संशोधन विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित हो गया और आज यह राज्यसभा में लाया जाने वाला है। विधेयक को वास्तव में मनमाने ढंग से पारित कर दिया गया था। हमारी पार्टी की स्थिति स्पष्ट है। यह विधेयक संविधान पर ही सरेआम हमला है। यह हमारे समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की स्थिति में बनाए रखने की भाजपा की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।’’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी विधेयक संविधान को कमजोर करने का एक और प्रयास है। उन्होंने कहा कि हम इस कानून का भी पुरजोर विरोध करते हैं।’’ सोनिया गांधी ने संसद द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘दो साल पहले दोनों सदनों द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की हमारी याचिका को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है, साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदायों की महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण की अन्य मांग की भी जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।’’

सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि चाहे वह शिक्षा हो, नागरिक अधिकार और स्वतंत्रता हो, संघीय ढांचा हो या चुनावों का संचालन हो, मोदी सरकार देश को ऐसी खाई में धकेल रही है जहां संविधान कागजों पर ही रह जाएगा। सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि जो सही और न्यायसंगत है हम उसके लिए लड़ना जारी रखें, ताकि मोदी सरकार की विफलता और भारत को एक निगरानी राज्य में बदलने की उसकी मंशा को उजागर किया जा सके।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री ने 2004-2014 के दौरान की गई कई पहलों की पुन: ब्रांडिंग, रीपैकेजिंग और मार्केटिंग कर उन्हें अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों के रूप में बताया है।’’ पढ़ें-  राज्यसभा में भी आसानी से वक्फ बिल पास करा लेगी मोदी सरकार? इन पार्टियों का मिल सकता है साथ

(भाषा के इनपुट के साथ)