What is Ankita Bhandari Case: उत्तराखंड के बेहद चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में कोटद्वार की अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अदालत के फैसले के बाद यह मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। अंकिता भंडारी हत्याकांड की न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश के कई राज्यों में गूंज हुई थी। आइए, जानते हैं कि अंकिता के साथ क्या हुआ था और इस मामले में दोषी करार दिए गए तीनों लोग कौन हैं?
अंकिता भंडारी श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली थी और बेहद सामान्य परिवार से थी। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से ही वह नौकरी की तलाश में निकली थी। उसे ऋषिकेश के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली थी लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही उसकी हत्या कर दी गई थी। अंकिता 18 सितंबर, 2022 को लापता हो गई थी और उसका शव नहर में मिला था।
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पुलिस ने इस मामले में वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, रिजॉर्ट के प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार किया था। अंकिता की हत्या करने के बाद उसका शव चीला नहर में फेंक दिया था। आरोपियों ने अंकित भंडारी की हत्या कर शव नहर में फेंकने की बात स्वीकार की थी। अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि उसकी मौत डूबने से हुई थी और उसके शरीर पर चोटों के निशान थे।
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अंकित भंडारी की मौत का मुद्दा बड़ा होने पर बीजेपी ने पार्टी नेता विनोद आर्य को निष्कासित कर दिया था। पुलकित आर्य विनोद आर्य का बेटा है। उत्तराखंड में न सिर्फ विपक्षी दल बल्कि तमाम सामाजिक संगठन भी अंकित के इंसाफ की लड़ाई पिछले ढाई साल से लगातार लड़ रहे हैं। अंकिता के परिजनों का आरोप है कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर देह व्यापार के लिए दबाव बनाया था और बात ना मानने पर उनकी बेटी की हत्या कर दी गई थी।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में SIT ने अदालत में 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 97 गवाहों के नाम थे। कोर्ट ने सभी गवाहों के बयानों को भी सुनवाई में शामिल किया था।
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