Difference Between Ambassador And High Commissioner: आपने अक्सर एंबेसडर और हाई कमिश्नर के जैसे शब्द सुने या पढ़े होंगे। विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ऐसे अधिकारियों की जरूरत होती है। चाहे वह विदेशी नीतियों से जुड़ा कोई काम हो या कोई सरकारी जिम्मेदारी, एंबेसडर और हाई कमिश्नर भारत की तरफ से यह काम संभालते हैं। कुछ देशों में भारत का प्रतिनिधि एंबेसडर कहलाता है, तो कुछ देशों में उसे हाई कमिश्नर कहा जाता है। इन दोनों पद की अलग-अलग पावर है तो कुछ समानताएं भी हैं।
एंबेसडर वह व्यक्ति होता है जिसे एक देश दूसरे देश में अपना राजनयिक प्रतिनिधि नियुक्त करता है। यह पद सभी गैर-कॉमनवेल्थ (Non-Commonwealth) देशों के बीच में इस्तेमाल होता है। वे मेजबान देश के साथ अपने देश के संबंधों को बनाए रखते हैं और कई कूटनीतिक कामों को संभालते हैं। एंबेसडर के अधिकार क्षेत्र की बात की जाए तो उनका अधिकार क्षेत्र उस देश तक सीमित होता है जहां पर वह नियुक्त होते हैं। वे अपने देश के हितों की रक्षा और प्रचार करते हैं और मेजबान देश के साथ तमाम मुद्दों पर बातचीत करते हैं।
हाई कमिश्नर वही पद होता है जो कॉमनवेल्थ (Commonwealth) देशों के बीच इस्तेमाल होता है। कॉमनवेल्थ वे देश हैं जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के सदस्य रहे हैं या अब इस संगठन का हिस्सा हैं। इसको एक आसान उदाहरण के जरिये समझने की कोशिश करें तों भारत और पाकिस्तान, भारत और ऑस्ट्रेलिया, भारत और यूके के बीच हाई कमिश्नर नियुक्त होते हैं। हाई कमिश्नर कॉमनवेल्थ देशों के बीच व्यापार, रक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में मजबूत संबंध बनाए रखने पर फोकस करते हैं। एंबेसडर की तरह, हाई कमिश्नर अपने देश के लोगों की मदद करते हैं, जब उन्हें विदेश में कानूनी या यात्रा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्हें एंबेसडर की तरह ही उनकी सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है और अपनी भूमिका शुरू करने से पहले उन्हें मेजबान देश से मंजूरी लेनी होती है।
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एंबेसडर और हाई कमिश्नर की शक्तियां लगभग एक जैसी होती हैं। एंबेसडर और हाई कमिश्नर ये अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। विदेशों में अपने देश की सरकार के विचार, नीतियां और रुख पेश करते हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और रक्षा संबंधों को मजबूत करना भी इन दोनों का काम है। अपने मिशन (Embassy या High Commission) के संचालन और कर्मचारियों की निगरानी करना भी इनका अहम काम है। विदेश में रह रहे या घूमने आए अपने देश के नागरिकों की मदद करना भी इन दोनों का काम है। जिस देश में ये नियुक्त हैं उस देश की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति की रिपोर्ट अपनी सरकार को भेजना।
इसको अब आसान भाषा में उदाहरण के जरिये समझने की कोशिश करें तो विनय मोहन क्वात्रा ने 13 अगस्त 2024 को अमेरिका में भारत के एंबेसडर के तौर पर कार्यभार संभाला था। वे भारतीय विदेश सेवा (IFS) के वरिष्ठ अधिकारी हैं और इससे पहले भारत के विदेश सचिव रह चुके हैं। उनका कार्यकाल भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में काफी खास माना जा रहा है।
विक्रम कुमार दोराईस्वामी 23 सितंबर 2022 से यूके में भारत के हाई कमिश्नर के रूप में कार्यरत हैं। वे भी भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी हैं और इससे पहले बांग्लादेश और दक्षिण कोरिया में भारत के राजदूत रह चुके हैं। उनका काम यूके में भारत के हितों की रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर फोकस है। पूर्व उच्चायुक्त वीणा सीकरी ने बताया बांग्लादेश के आर्मी चीफ के मन में क्या है