Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। जिससे राज्य में बदलाव की सुगबुगाहट हवा बहने लगी है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ और एनसीपी (शरद पवार) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बाबनकुले से हुई मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। इसके पहले हाल में ही एक कार्यक्रम में पीएम मोदी और शरद पवार का करीब आना भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत के बाद विपक्ष सदमे में चला गया था। मुख्यमंत्री बने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार के दोनों सहयोगी दलों शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) को साध के रखा हुआ है। हालांकि, शिवसेना शिंदे के नेता और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के साथ सामंजस्य की कमी कई बार सामने आ चुकी है। हालांकि, इसका दोनों तरफ से खंडन किया गया है, लेकिन मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद शिंदे सहज नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में शरद पवार और शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के साथ सामने आ रहे नए समीकरण शिंदे के लिए और चिंता बढ़ा सकते हैं।
महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में महायुति को बड़ी जीत दिलाने के लिए फडणवीस कठोर कदम उठा रहे हैं। जिनमें मंत्रियों के निजी सहायकों की नियुक्ति का मामला अहम है। शिंदे गुट के कई मंत्रियों के निजी सहायकों के लिए आए विवादित नामों को फडणवीस ने रोक दिया है। इस काम की सामना में तारीफ की गई है। संजय राउत ने सामना में इस पर एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा है।
सामना के लेख में शिवसेना-यूबीटी ने दावा किया कि फडणवीस के सख्त कदमों के जवाब में शिंदे ने कथित तौर पर सुबह 4 बजे पुणे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और शिकायत की। उन्होंने कथित तौर पर शाह से कहा कि फडणवीस उनके अधिकार को कमज़ोर कर रहे हैं और अगर विधायकों और सांसदों को दरकिनार किया गया तो इससे पार्टी के अस्तित्व पर असर पड़ेगा। हालांकि, सामना ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भ्रष्टाचार को खत्म करने के मामले में मोदी का रुख़ दृढ़ है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) का एक तबका बीजेपी के साथ आने की कोशिश में है और वह इसके लिए शिंदे गुट को भड़काने का काम कर रहा है। फिलहाल, बीजेपी भी इससे शिंदे को संदेश देकर समीकरण साध रही है।
महाराष्ट्र में हाल में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के गठबंधन महायुति ने भारी जीत दर्ज करते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा में 234 सीट जीती थी।
एनसीपी (एसपी) के नेता शरद पवार के साथ प्रधानमंत्री मोदी का बेहद सद्भावना पूर्ण व्यवहार और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल की बीजेपी अध्यक्ष बाबनकुले के साथ मुलाकात के भी राजनीतिक मायने हैं। इससे बीजेपी, कांग्रेस को झटका देने के साथ महाविकास अघाड़ी को आगामी निकाय चुनाव में और कमजोर करने में जुटा है। शरद पवार भी राज्य की राजनीति में कमजोर पड़ रहे हैं। ऐसे में उनको भी नए निर्णय लेने पड़ सकते हैं।
शिंदे की “हल्के” टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह टिप्पणी किसके लिए थी। शिंदे बनाम फडणवीस प्रकरण के सामने आने के साथ ही अजित पवार अपना काम करने में व्यस्त हो गए हैं और घटनाक्रम पर करीब से नज़र रख रहे हैं। अब तक पवार ने ऐसा कोई बयान या इशारा देने से परहेज़ किया है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
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