Navratna Status IRCTC IRFC: केंद्र सरकार ने 3 मार्च को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) और इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) को ‘नवरत्न’ कंपनी का दर्जा देने को मंजूरी दे दी। ये दोनों क्रमश: देश की 25वीं और 26वीं ‘नवरत्न’ कंपनियां बन गई हैं।
भारतीय रेलवे के सभी सात Central Public Sector Enterprises (CPSEs) को ‘नवरत्न’ का दर्जा मिल चुका है। रेलवे के पास कुल 12 CPSE हैं।
इस खबर में हम बात करेंगे कि किसी कंपनी को ‘नवरत्न’ का दर्जा कब और कैसे मिलता है। ‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने से कंपनियों को क्या फायदा होता है और भारतीय रेलवे की दूसरी ‘नवरत्न’ कंपनियां कौन-कौन सी हैं?
‘नवरत्न’ केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कंपनियों की दूसरी श्रेणी होती है। इसमें ‘महारत्न’ और ‘मिनीरत्न’ के बीच की कंपनियों को शामिल किया जाता है। ‘नवरत्न’ का दर्जा मुनाफा, नेटवर्थ, आय, और विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन जैसे मानदंडों के आधार पर दिया जाता है।
कैसे चुना जाता है नया पोप, इसके चुनाव में काले और सफेद धुएं का क्या मतलब है?
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाला Department of Public Enterprises (DPE) CPSE को ‘नवरत्न’ का दर्जा देता है। इसके लिए छह इंडिटेकर के आधार पर कंपनी का चयन किया जाता है।
1- नेट वर्थ के अनुपात में नेट प्रॉफिट2- कुल उत्पादन लागत में श्रम लागत का अनुपात3- पूंजी पर रिटर्न (PBDIT) का अनुपात4- टर्नओवर के अनुपात में लाभ (PBIT)5- प्रति शेयर आय6- कंपनी का विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन।
अगर किसी CPSE का इन छह इंडिटेकर में कुल स्कोर 60 या उससे अधिक है और पिछले पांच सालों में से तीन साल में उसे उत्कृष्ट या बहुत अच्छी MOU रेटिंग मिली हो तो उसे ‘नवरत्न’ का दर्जा देने पर विचार किया जा सकता है।
DPE ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में IRCTC का सालाना टर्नओवर 4,270.18 करोड़ रुपये, कर के बाद मुनाफा (PAT) 1,111.26 करोड़ रुपये और नेटवर्थ 3,229.97 करोड़ रुपये थी। DPE ने बताया कि IRFC के लिए ये आंकड़े क्रमशः 26,644 करोड़ रुपये, 6,412 करोड़ रुपये और 49,178 करोड़ रुपये थे।
करनाल के युद्ध में नादिर शाह की जीत ने कैसे भारत में मुगल साम्राज्य का हमेशा के लिए अंत कर दिया?
IRCTC भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ऑनलाइन ट्रेन टिकट बेचने वाली एकमात्र कंपनी है। IRCTC में रेल मंत्रालय की 62.40% हिस्सेदारी है। मार्च 2024 तक इसका मार्केट कैप 74,376 करोड़ रुपये था।
‘नवरत्न’ बनने के बाद कंपनियों को कई फायदे मिलते हैं। जिनमें ज्यादा वित्तीय आजादी, वैश्विक विस्तार में आसानी और बेहतर बाजार की स्थिति शामिल है। एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, ‘नवरत्न’ दर्जे के बाद IRCTC और IRFC बिना सरकार की मंजूरी के 1,000 करोड़ रुपये या अपनी नेटवर्थ का 15% तक एक परियोजना में निवेश कर सकते हैं। इससे उन्हें वित्तीय स्वायत्तता मिलती है।’
‘नवरत्न’ का दर्जा मिलने के बाद ये कंपनियां संयुक्त उद्यम (Joint Venture), अधिग्रहण (Acquisition) और विलय (Merger) कर सकती हैं और इसमें सरकार का दखल नहीं होता।
क्या बीजेपी का पसमांदा मुसलमानों से मोहभंग हो गया है, मुस्लिम आरक्षण का विरोध क्यों कर रही है पार्टी?
1- कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR)2- रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL)3- राइट्स लिमिटेड (RITES)4- इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड (IRCON)5- रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (RailTel)।
CONCOR को जुलाई, 2014 में रेलवे की पहली ‘नवरत्न’ कंपनी बनाया गया। RVNL, IRCON और RITES को 2023 में और RailTel को अगस्त 2024 में यह दर्जा मिला।