Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर की पाकिस्तान को जानकारी देने को लेकर देश में विवाद की स्थिति है और मुख्य विपक्षी दल के नेता राहुल गांधी सीधे विदेश मंत्री एस जयशंकर को निशाने पर ले रहे हैं। इस बीच एक संसदीय पैनल को बताया कि 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमला करने के बाद भारत ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी थी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंत्री पर भारत के हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करने का आरोप लगाते रहे हैं और इसे अपराध करार दिया है।

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दरअसल, 15 मई को पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में, हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि हम आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे पर हमला कर रहे हैं। हम सेना पर हमला नहीं कर रहे हैं। इसलिए सेना के पास इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करने और अलग रहने का विकल्प है। उन्होंने उस अच्छी सलाह को न मानने का फैसला किया।

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एस जयशंकर के इस बयान को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस ने मुद्दा उठाया था और इसे देश के साथ गद्दारी तक बता दिया है। इसके तुरंत बाद केंद्र ने स्पष्ट किया कि जयशंकर ने कहा था कि भारत ने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी, जो स्पष्ट रूप से ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद का प्रारंभिक चरण है।

एस जयशंकर ने सोमवार की बैठक में भी यही रुख दोहराया था कि यह बातचीत ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के बाद हुआ था। जयशंकर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों पर संसद की सलाहकार समिति को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया है। संसदीय समिति की बैठक में राज्य मंत्री (विदेश) कीर्ति वर्धन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक, समाजवादी पार्टी की जया बच्चन और डीएमके के थिरु दयानिधि मारन समेत अन्य लोग शामिल हुए।

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बैठक के बाद जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया कि आज सुबह दिल्ली में विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ भारत की शून्य-सहिष्णुता की नीति पर चर्चा की। इस संबंध में एक मजबूत और एकजुट संदेश भेजने के महत्व को रेखांकित किया

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इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि जयशंकर ने समिति को बताया कि यदि पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन करता है या आतंकवादी घटनाएं होती हैं, तो भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सदस्यों ने जयशंकर से भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे से जोड़ने के बारे में पूछा। पार्टी नेताओं ने विदेश मंत्री से पाकिस्तान को दिए गए आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के कर्ज और भारत के इससे दूर रहने तथा संघर्ष के मद्देनजर पाकिस्तान और चीन के संबंधों के बारे में भी सवाल किए।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित किए जा रहे युद्ध विराम समझौते और वार्ता में पश्चिमी ताकतों की भूमिका के बारे में भी पूछा था।

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