Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बेटे की करुणा पुकार गूंजी। जिसमें उसने पूछा- मेरी मां कहां है? 26 वर्षीय बेटे यूनुस ने आरोप लगाया है कि असम सरकार ने उसकी मां मोनोवारा बेवा को ‘निष्पक्ष सुनवाई के बिना’ बांग्लादेश प्रत्यर्पित करने से पहले अवैध रूप से हिरासत में ले लिया है। आरोप है कि असम पुलिस गुप्त रूप से लोगों को बांग्लादेश भेज रही है।

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनुस ने मांग करते हुए कहा कि उसकी मां को अदालत में पेश किया जाए। शीर्ष अदालत ने उसकी एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की। जब यूनुस की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत से ऐसा करने का आग्रह किया, और कहा कि बेवा को अनुचित तरीके से हिरासत में रखा गया था।

यूनुस ने आरोप लगाया है कि असम पुलिस ने उनकी मां और अन्य लोगों को रात भर हिरासत में रखा।

मोनोवारा बेवा को 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। यह तब हुआ जब अदालत ने ‘विदेशियों के शिविर’ में हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आदेश दिया, अगर वे तीन साल से अधिक समय से वहां रह रहे हों।

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यूनुस ने कहा कि उनकी मां ने सभी शर्तों का पालन किया था, लेकिन 24 मई को उन्हें बयान दर्ज करने के बहाने पुलिस स्टेशन बुलाया गया। बेटे ने दावा किया है कि वह तब से हिरासत में है।

बेटे ने कहा कि उसने पुलिस को यह बताने का प्रयास किया कि उसकी मां का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तथा वह जमानत पर बाहर हैं, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया। वहीं, चेन्नई की एक महिला कोर्ट ने सोमवार को 2024 के अन्ना यूनिवर्सिटी रेप केस में सजा सुनाई है। पढ़ें…पूरी खबर।