Anubrata Mondal TMC: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को लेकर कहा जाता था कि वे वहां आखिरी निर्णय लेते थे लेकिन अब वे घिर गए हैं। उनको लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि उनका बोलपुर पुलिस थाने के प्रभारी लिटन हलदर के साथ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाला वीडियो वायरल हुआ है। इसको लेकर टीएमसी ने ही निंदा की है।
ऑडियो क्लिप का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ अनुब्रत की “अपमानजनक और अपमानजनक” भाषा की निंदा की, और उन्हें चार घंटे के भीतर बिना शर्त माफी मांगने को कहा। इतना ही नहीं, चेतावनी ये भी कहा गया कि अनुपालन नहीं किया गया तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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दरअसल, टीएमसी ने एक एक्स पोस्ट में कहा कि पार्टी स्पष्ट रूप से अनुब्रत मंडल द्वारा एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ की गई टिप्पणियों से खुद को अलग करती है और उनका समर्थन नहीं करती है। हम उनके द्वारा अपमानजनक और अस्वीकार्य अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल की कड़ी निंदा करते हैं। पार्टी उन्हें अगले चार घंटों के भीतर बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश देती है, ऐसा न करने पर कारण बताओ कार्यवाही शुरू की जाएगी।
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वहीं इस मामले में बीरभूम जिला पुलिस ने भी मंडल के खिलाफ मामले में FIR दर्ज की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास गृह विभाग भी है। ऐसे में संभव है कि एक्शन सीएम के इशारे पर ही लिया गया हो। अनुब्रत मंडल ने तुरंत अपने आचरण के लिए लिखित माफी जारी की और कहा कि वह कभी भी दीदी की पुलिस के किसी भी पुलिसकर्मी को “अपमानित करने की कल्पना नहीं कर सकते।
पश्चिम बंगाल टीएमसी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को लिखे पत्र में अनुब्रत ने कहा कि मैं हाल की घटना से दुखी हूं। मैं दीदी की पुलिस से सौ बार माफ़ी मांग सकता हूं। पश्चिम बंगाल टीएमसी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को लिखे पत्र में अनुब्रत ने कहा कि मैं हाल की घटना से दुखी हूं। मैं दीदी की पुलिस से सौ बार माफी मांग सकता हूं।
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बीरभूम पुलिस ने शनिवार को भी अनुब्रत को बोलपुर उप-विभागीय पुलिस अधिकारी के कार्यालय में तलब किया था लेकिन मंडल अपने वकील के कारण अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। पुलिस ने उन्हें रविवार को फिर से तलब किया है। 65 वर्षीय टीएमसी के कद्दावर नेता अनुब्रत को केस्टोडा के नाम से जाना जाता है। दो दशकों से ममता के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। वे 1998 में टीएमसी की स्थापना के बाद से ही पार्टी के साथ हैं और कई वर्षों तक पार्टी की महत्वपूर्ण बीरभूम जिला इकाई के प्रमुख के रूप में इसकी कमान संभाल चुके हैं।
मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी ने संगठन में बदलाव किए थे। नतीजा ये कि अनुब्रत मंडल से पद छीन लिया था। बीरभूम टीएमसी इकाई का नेतृत्व अब रामपुरहाट विधायक और डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी की अध्यक्षता वाली एक कोर कमेटी कर रही है। अनुब्रत पर टीएमसी की कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब BJP ने बोलपुर पुलिस अधिकारी के खिलाफ कथित अभद्र भाषा के प्रयोग के लिए उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए बीरभूम में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
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