Pahalgam Attack Ram Chander Jangra: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में आए बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा पहले भी कई बार विवादों में रहे हैं। जांगड़ा का लंबा राजनीतिक करियर रहा है और वह कई बार चुनाव हार चुके हैं। रामचंद्र जांगड़ा ने एक कार्यक्रम में कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में जिन महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया उनमें वीरांगना का भाव नहीं था, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था इसलिए वहां लोग गोली का शिकार हो गए।

इस बयान की वजह से जांगड़ा विपक्ष के निशाने पर हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के मंत्री कुंवर विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर काफी हंगामा हुआ था।

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बीते साल दिसंबर में जांगड़ा ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर चले किसान आंदोलन को लेकर जो टिप्पणी की थी, उस पर भी अच्छा-खासा हंगामा हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया था कि किसान आंदोलन के दौरान 700 लड़कियां गायब हो गई और इसके लिए पंजाब में नशा करने वाले लोग जिम्मेदार हैं।

जब इस बयान पर विवाद हुआ तो जांगड़ा ने सफाई दी और कहा कि उन्होंने सिर्फ वही बात कही है जिसके बारे में लोग चर्चा कर रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान नवंबर, 2021 में कुछ किसानों ने रामचंद्र जांगड़ा की गाड़ी पर हमला कर दिया था तब पुलिस ने जैसे-तैसे उन्हें बचाया था।

रामचंद्र जांगड़ा को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। ओबीसी समुदाय से आने वाले जांगड़ा को 2015 में राज्य के पिछड़ा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए बनाए गए कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

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मार्च, 2020 में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा और उसके बाद जांगड़ा संसद में कई समितियों के सदस्य रहे। राज्यसभा में उनकी मौजूदगी 98% से ज्यादा है।

जांगड़ा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत लोकदल (बहुगुणा) से की और 1987 में हरियाणा की सफीदों सीट से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार मिली थी। इसके बाद उन्होंने बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के टिकट पर महम विधानसभा सीट से और फिर 2004 में करनाल से भी चुनाव लड़ा लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार मिली थी। हविपा का कांग्रेस में विलय होने के बाद जांगड़ा बीजेपी में चले गए।

बीजेपी ने उन्हें पार्टी की ओबीसी विंग का अध्यक्ष बनाया और 2014 में गोहाना सीट से चुनाव लड़ाया लेकिन जांगड़ा की किस्मत इस बार भी खराब रही और वह फिर से चुनाव हार गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में जांगड़ा ने फिर से गोहाना से टिकट मांगा लेकिन इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया था।

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