BJP New National President 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बीच देश की सियासत में इस बात की जोरदार चर्चा हो रही है कि बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा। पार्टी किस नेता को अध्यक्ष बनाएगी, इसे लेकर पिछले कुछ महीनों में मीडिया में काफी कुछ लिखा और बोला जा चुका है। बताना होगा कि केंद्र सरकार की अगुवाई करने के साथ ही बीजेपी कई राज्यों में अपने दम पर सरकार चला रही है।

पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा इस पर चर्चा के साथ ही नए अध्यक्ष के सामने कौन सी बड़ी चुनौतियां होंगी, कौन से नेता अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं, इस पर भी बात करना जरूरी है। इन दिनों बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया अंतिम दौर में है और यह तय माना जा रहा है कि अगले महीने पार्टी को उसका नया अध्यक्ष मिल जाएगा।

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ा था और जेपी नड्डा ने इस बड़ी कुर्सी को संभाला था। शाह ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाई। इसके अलावा उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, झारखंड, असम और त्रिपुरा में भी उनके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने चुनाव जीता और नागालैंड और मेघालय में भी पार्टी ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

हालांकि उस दौरान मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी भाषी राज्यों के साथ ही दिल्ली में भी पार्टी की हार हुई थी। लेकिन 2019 में पार्टी को लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत मिली और उसने 303 सीटें जीती। तब शाह ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

जेपी नड्डा के कार्यकाल पर नजर डालें तो उन्होंने भाजपा को चुनाव में 26 बार जीत दिलाई। इसमें लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव शामिल हैं। यह पार्टी का इसके पुराने अवतार जनसंघ के दिनों से एक नया रिकॉर्ड है।

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2023 के अंत में बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को फिर से जीता और यहां फिर से सरकार बनाई। हालांकि जेपी नड्डा के अध्यक्ष रहते हुए ही 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें घट कर 240 रह गईं। तब नड्डा ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजेपी खुद को चलाने में सक्षम है और उसे पहले की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जरूरत नहीं है। इसे लेकर यह चर्चा हुई थी कि बीजेपी और संघ के रिश्ते क्या तल्ख हो गए हैं?

हालांकि इससे नड्डा के राजनीतिक कद पर कोई असर नहीं पड़ा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया। इसके साथ ही अध्यक्ष पद पर भी उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। इसी दौरान भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से मिली निराशा से उबरकर हरियाणा, महाराष्ट्र और हाल ही में दिल्ली में धमाकेदार जीत दर्ज की।

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बीजेपी के नए अध्यक्ष के लिए चुनौती दक्षिण में पार्टी को मजबूत करना होगा क्योंकि दक्षिण में पार्टी अभी भी कमजोर है। कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हार गई थी। आंध्र प्रदेश में वह एनडीए के साथ सरकार में है जबकि केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में उसकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि पार्टी को अभी भी दक्षिण के राज्यों में हिंदी भाषी नेताओं वाली उत्तर भारतीय पार्टी माना जाता है और यह एक बड़ी मुश्किल है।

बीजेपी दक्षिण में जीत के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन उसे वहां ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में आरएसएस का नेटवर्क मजबूत है।

बीजेपी का नया अध्यक्ष दक्षिण भारत से हो सकता है, इस बात की चर्चा तेज है क्योंकि पार्टी दक्षिण भारत में विस्तार करना चाहती है। कर्नाटक से केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, तेलंगाना के किशन रेड्डी और ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण के नाम दक्षिण से आने वाले ऐसे नेताओं के रूप में चर्चा में हैं, जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकते हैं।

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