लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कुछ देर पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) पहुंचे। दरअसल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर PMO में बैठक हुई। सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में राहुल गांधी और CJI संजीव खन्ना भी शामिल हुए। इस बैठक में सीबीआई के डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए नाम पर चर्चा की गई और उसके बाद सरकार को नाम की सिफारिश भेजी जाएगी। इस आधार पर केंद्र सरकार सीबीआई के अगले डायरेक्टर की नियुक्ति करेगी।
सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए कई अहम नियम है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि जिस अधिकारी के रिटायरमेंट में 6 महीना बचा हो, उसे सीबीआई का डायरेक्टर नहीं बनाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल कम से कम 2 साल का होना चाहिए। सीबीआई डायरेक्टर को उसके कार्यकाल के बीच में भी नहीं हटाया जा सकता। इसके लिए नियुक्ति समिति को इसकी मंजूरी देनी पड़ेगी।
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सीबीआई के वर्तमान डायरेक्टर प्रवीण सूद हैं। उन्होंने 25 मई 2023 को सीबीआई के निदेशक का पदभार संभाला। उन्हें 2024 में रिटायर होना था, लेकिन उन्हें सीबीआई के निदेशक के रूप में दो साल का कार्यकाल दिया गया था। इससे पहले वे कर्नाटक के डीजीपी थे। सूद मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। प्रवीण सूद 1986 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अफसर हैं और उन्होंने अपनी शिक्षा आईआईटी-दिल्ली से पूरी की है।
सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट (1946) के तहत होती है। बता दें कि 2013 में इस कानून में बदलाव किया गया था। इसमें सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए तीन सदस्यीय वाली कमेटी की सिफारिशों को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया था।