महाराष्ट्र की राजनीति में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच में स्थिति कन्फ्यूजन वाली बनी हुई है। दोनों की कभी एक होने की खबर आती है तो कभी फिर तल्ख तेवर दिख जाते हैं। अब एक बार फिर चाचा-भतीजे के रिश्तों में तकरार देखने को मिली है। पहले शरद पवार ने साफ कर दिया कि अजित की अब दोबारा पार्टी में वापसी नहीं हो सकती है तो वहीं दूसरी तरफ अजित ने भी एक रोड शो के जरिए चाचा को सियासी संदेश देने का काम कर दिया है।

असल में अजित पवार शनिवार को अपने क्षेत्र बारामती गए थे जहां उनकी तरफ से एक बड़ा रोड शो किया गया। चार घंटे लंबे उस रोड शो ने महाराष्ट्र की सियासत में नई पटकथा लिखने का काम किया। जिस तरह की भीड़ उस रोड शो में आई, साफ संदेश दिया गया कि बारामती के एनसीपी कार्यकर्ता शरद नहीं अजित पवार के साथ हैं। खुद अजित ने भी कह दिया कि कुछ फैसले पार्टी हित में लेने ही पड़ते हैं, कोई इसका विरोध कर सकता है, लेकिन नौजवान कार्यकर्ता जानते हैं कि समय की मांग के मुताबिक पार्टी हित में कुछ फैसले लेने पड़ते हैं।

अब अजित का ये बयान और उनका वो एक रोड शो चाचा-भतीजे के बीच में फिर एक तल्खी वाली दीवार लेकर आ गया है। वैसे इस तल्खी ने उन अटकलों पर अभी के लिए विराम लगा दिया है जहां कहा जा रहा था कि एक बार फिर चाचा-भतीजा एक हो जाएंगे। असल में कुछ दिन पहले ही अजित ने शरद पवार से मुलाकात की थी, उनके गुट के नेता भी मनाने के लिए पहुंच गए थे। उसके बाद एक उद्योगपति के घर पर भी शरद पवार और अजित पवार के बीच मंथन हुआ।

उन मुलाकातों ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को परेशान कर दिया था। कई नेताओं ने तो मीडिया के सामने ही अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी। इसी वजह से अब एक बार नहीं दो बार शरद पवार ने कह दिया है कि वे अजित के खिलाफ ही लड़ने वाले हैं और एनसीपी पर हक भी उन्हीं का रहेगा।