तेलंगाना में कांग्रेस की राह इस बार काफी मुश्किल दिखाई दे रही है। एक तरफ केसीआर की बीआरएस इस बार मुस्लिम वोट को एकमुश्त करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी हैदराबाद को भाग्यनगर करने वाले दांव के साथ हिंदू ध्रुवीकरण की रणनीति को धार देने का काम कर रही है। इन दो रणनीतियों के बीच कांग्रेस कहीं फंस सी गई है। वो ना हिंदू वोट को अपने पाले में ला पा रही है और ना ही केसीआर से मुस्लिम वोट को छीन पा रही है।
अब बीच मझधार में फंसी इस नैया को बाहर निकालने के लिए कांग्रेस ने एक खास रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। उस रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी ने अपने ही कुछ नेताओं को लेकर ‘Minorities Declaration Committee’ बना दी है। ये कमेटी अलग-अलग अल्पसंख्यक समुदायों से मुलाकात करेगी,उनकी समस्याओं को समझेगी और फिर उसी आधार पर अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी।
इस समय ‘Minorities Declaration Committee’ की अध्यक्षता कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहम्मद अली शब्बीर कर रहे हैं। इस कमेटी की पहली मीटिंग कुल तीन घंटे तक चली और कई मुद्दों पर चर्चा की गई। उस मीटिंग के बाद कहा गया कि महीने के अंत तक तमाम समुदायों से मुलाकात कर जो भी निष्कर्ष निकलेगा, उसे हाईकमान के सामने रखा जाएगा। अब जानकारी के लिए बता दें कि तेलंगाना में मुस्लिमों की आबादी 13 फीसदी के करीब है, एक प्रतिशत ईसाई भी हैं।
वर्तमान की जो राजनीति चल रही है, वहां पर मुस्लिम वोटबैंक पर सत्तारूढ़ बीआरएस की मजबूत पकड़ है। कई ऐसी योजनाएं भी चला रखी हैं, जिस वजह से इस समुदाय का वोट केसीआर को मिल रहा है। उदाहरण के लिए पिछड़े समाज के परिवार को 1 लाख रुपये देने की योजना, मुस्लिम महिलाओं को निकाह के समय 1,00,116 रुपये देने की बात। इसके ऊपर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के साथ पार्टी की एक अडरस्टैंडिंग चल रही है जिस वजह से हैदराबाद की कई सीटों पर भी मुस्लिम वोट केसीआर को मिल रहा है।
अब कांग्रेस को मुस्लिम वोट इसलिए भी चाहिए क्योंकि बीजेपी ने धीरे-धीरे ही सही इस राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना शुरू कर दिया है। वो खुद को प्रमुख विपक्षी पार्टी बनाने की कोशिश में लगी है। उसके इस प्रयास में हिंदू वोटों को एकमुश्त करने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। अब बीजेपी के आने से पहले तक हिंदुओं का एक धड़ा कांग्रेस के साथ भी रहा करता था। लेकिन कुछ सालों में जमीन पर स्थिति बदली है, ऐसे में कांग्रेस को भी अपनी रणनीति पर और ज्यादा काम करना पड़ा है।