Guru Mahadasha Effect: वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक माना जाता है। साथ ही ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है। साथ ही यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इसकी नीच राशि मानी जाती है। नीच राशि में गुरु ग्रह अशुभ फल प्रदान करते हैं। साथ ही व्यक्ति कोई कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का गोचर जन्मकालीन राशि से दूसरे, पांचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल देते हैं। यहां हम बात करेंगे गुरु ग्रह की महादशा के बारे में, जिसका असर 16 साल तक मनुष्य के ऊपर रहता है। वहीं अगर जन्मकुंडली में गुरु बृहस्पति शुभ यानी उच्च के विराजमान हो तो व्यक्ति जीवन में पद- प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। साथ ही इसके प्रभाव से ऐसे व्यक्ति नास्तिक और शिक्षित होते हैं। इन लोगों की धर्म- कर्म के कामों खूब रूचि होती है। वहीं व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है। साथ ही व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है। आइए जानते हैं गुरु की महादशा का जीवन में प्रभाव और लाभ…
अगर कुंडली में गुरु बृहस्पति शुभ हो स्थित
गुरु बृहस्पति अगर जन्मकुंडली में शुभ स्थित हों तो व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में लाभ मिलता है। साथ ही व्यक्ति जीवन में खूब पढ़ता- लिखता है। वहीं सकारात्मक गुरु के प्रभाव से व्यक्ति को विभिन्न क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होगा। जातक शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल रहता है। साथ ही उसके जीवन में धन की वृद्धि होती है। वहीं व्यक्ति का पूजा पाठ में मन लगता है। साथ ही गूढ़ विषयों में उसकी रूचि होती है। ज्योतिष और दार्शनिक विषयों में उसका इंटरेस्ट होता है। वहीं उसकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी रहती है। समाज में उसको वैभव- मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। वह आशावादी और भगवान में आस्था रखने वाला होता है। वह ज्ञानी और ईमानदार होता है। वहीं व्यक्ति को पुत्र सुख प्राप्त होता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति पर गुरु ग्रह की महादशा चल रही हो तो व्यक्ति को इन चीजों से संबंधित फल प्राप्त होते हैं। साथ ही व्यक्ति की बात समाज के लोग मानते हैं। वहीं उसकी पहचान एक ज्ञानी पुरुष के रूप में होती है।
वैदिक पंचांग मुताबिक अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में गुरु ग्रह पीडित होकर स्थित हो तो व्यक्ति नास्तिक प्रकृति का होता है। वहीं उसका मन पूजा- पाठ में नहीं लगता है। साथ ही वह भगवान को न मानने वाला होता है। साथ ही व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं गुरु ग्रह के अशुभ होने से व्यक्ति को पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, कमज़ोर पाचन तंत्र, कैंसर जैसी बीमारी होने का ख़तरा रहता है। वहीं गुरु ग्रह अशुभ का कुंडली में विराजमान होने से व्यक्ति निराशावादी हो जाता है।
साथ ही अगर गुरु ग्रह निगेटिव हो तो व्यक्ति के विवाह में बाधा आती है। साथ ही संतान सुख का अभाव रहता है। वहीं अगर गुरु के साथ राहु विराजमान हो तो अशुभ गुरु चांडाल योग बनता है। इस योग के होने से व्यक्ति को भाग्य का साथ नहीं मिलता है। साथ ही व्यक्ति जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। वहीं उनको करियर और कारोबार में तरक्की नहीं मिलती है। वहीं ऐसा व्यक्ति कई बार अपना काम- कारोबार बदलता है। साथ ही ऐसे लोगोंं की शिक्षा अधूरी रह जाती है।
1- कुंडली में अगर गुरु ग्रह अशुभ विराजमान हो तो गुरुवार के दिन माथे पर केसर का तिलक लगाना शुरू कर दें, ऐसा करने से आज्ञा चक्र तो एक्टिव होता ही है। साथ ही गुरु ग्रह बलवान भी होते हैं। साथ ही आप गरीबों और जरूरतमंदों में बादाम और नारियल भी बांट सकते हैं। ऐसा करने से करियर और कारोबार में तरक्की के योग बनेंगे।
2- कुंडली में अगर अगर गुरु बृहस्पति पीड़ित हो तो गुरुवार के दिन गुरु बृहस्पति या जो गुरु आपने बनाएं हैं उनकी फोटो पीले कपड़े में विराजित करके। उनको पीले पुष्प, पील चंदन, पीली मिठाई और केले के फल अर्पित करें। ऐसा करने से गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी। वहीं डिसीजन मेकिंग अच्छी होगी।
3- अगर गुरु ग्रह निगेटिव होने से आपको करियर में सफलता नहीं मिल रही हो तो बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें। केले के पेड़ की जड़ में पानी डालें। साथ ही चने की दाल, हल्दी, गुड और मुनक्का भी अर्पित करें। तेल का दीपक जलाकर केले की जड़ की पूजा करें। भगवान विष्णु की आराधना करें। ऐसा करने से आपको करियर में सफलता मिल सकती है। साथ ही ये उपाय इंटरव्यू देने जाने से पहले भी कर सकते हैं।
4- जन्मपत्री में गुरु ग्रह निगेटिव हो तो गुरुवार के दिन अपने घर के आग्नेय कोण यानि दक्षिण-पूर्व दिशा के कोने में घी का एक दीपक जलाएं और हाथ जोड़कर अग्नि देव को प्रणाम करें। ऐसा करने से आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में इजाफा होगा। साथ ही वास्तु दोष से मुक्ति मिलेगी।
5- गुरु ग्रह अगर आपकी कुंडली में वीक स्थित हैं तो आप गुरुवार के दिन एक पुखराज या सुनहला धारण कर सकते हैं। ऐसा करने से गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी। साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की के योग बनेंगे।
6- गुरुवार के दिन स्नान करते समय पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीने से धन में वृद्धि के योग बनते हैं। साथ ही अविवाहित लोगों के विवाह के योग बनेंगे। वहीं धन आगमन के नए मार्ग खुलेंगे।
7- अगर जन्मकुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति खराब हो तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में केसर और चने की दाल का दान करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ- साथ गुरु बृहस्पति की कृपा भी आपको प्राप्त होगी।