Sawan 2025, Premanand Ji Maharaj: हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है। इस पूरे माह भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव को जल मात्र चढ़ाने से वह अति प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो हैं, जिसमें वह एकांतित वार्ता के दौरान एक व्यक्ति ने पूछा कि महादेव के किस नाम का जाप करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। आइए जानते हैं महादेव के किन नाम का जप करने से उनके दर्शन भी हो सकते हैं…

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प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि यह वाणी एक अत्यंत भावपूर्ण, आध्यात्मिक अनुभव से ओत-प्रोत है जिसमें भक्त महादेव जी की करुणा, कृपा, और उनकी अद्वितीयता का वर्णन कर रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि महादेव एक चुल्लू जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। वे देवाधिदेव हैं, जो किसी को भी सहज स्वीकार नहीं करते, पर यदि किसी को स्वीकार कर लें तो उसे वह दुर्लभ पद प्रदान कर देते हैं। वे अत्यंत कृपालु, आशुतोष, करुणा के समुद्र और दानी हैं। हरि और हर (शिव) के बीच अत्यंत प्रेम है। जो हरि का भक्त होगा, वह शिव का भी भक्त होगा। अगर आपका इष्ट देव महादेव हैं, मंत्र भी महादेव जी के हैं, तो फिर क्या नाम जपें?

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प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि सांब सदाशिव, सांब सदाशिव, सांब सदाशिव, सांब सदाशिव” – इस नाम जप में उमा और महादेव दोनों समाहित हैं। यह केवल जाप नहीं, अपितु समर्पण की पराकाष्ठा है। साम सदाशिव हमारे माता-पिता हैं, जगत के माता-पिता। वे अत्यंत करुणामय हैं, परंतु यदि कोई दुष्टता करे या अवहेलना करे, तो वही शिव रुद्र बनकर प्रलय भी करते हैं। वे ही अद्वैत शिव हैं, जो समस्त चराचर जगत के स्वामी हैं। ब्रह्मा रूप में सृजन करते हैं, हरि रूप में पालन करते हैं और रुद्र रूप में संहार करते हैं। वे ही लय के अधिपति हैं।

महादेव की सेवा सृष्टि की ‘लय सेवा’ है, जिसमें जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म सभी समाहित हैं। वे करुणा के साक्षात अवतार हैं, जैसा कि श्लोक “करपूर गौरं करुणावतारम्…” में वर्णित है। साधक बताता है कि उसने बीस वर्षों तक बनारस में रहकर भोलेनाथ और पार्वती माता की उपासना की। जब साधक अपने आराध्य देव के प्रति अनन्य हो जाता है, तो महादेव स्वयं उसके लिए मार्ग खोलते हैं। साधक को केवल यह आवश्यक है कि वह अपने इष्ट देव का एकनिष्ठ बन जाए।

प्रेमानंद महाराज अपने आध्यात्मिक अनुभव को साझा करते हुए कहते हैं कि वे कभी वृंदावन को नहीं जानते थे। लेकिन काशी के तुलसी घाट पर एक पीपल वृक्ष के नीचे साधना करते समय ध्यान में कुछ स्फुरण हुआ। रास की भावना जागृत हुई और फिर महादेव जी ने उन्हें वृंदावन भेज दिया। उन्होंने स्वयं कुछ नहीं किया, यह सब महादेव की कृपा थी। जैसे कोई लड़की को सुंदर बनाकर योग्य वर के हाथ में सौंप देता है, वैसे ही महादेव ने उन्हें सजाया, संवारा और राधा वल्लभ लाल के चरणों में समर्पित कर दिया। अब वे राधा के हो गए हैं।

प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि वे अब चाहकर भी महादेव को छोड़कर कहीं और नहीं जा सकते, क्योंकि महादेव ने स्वयं उन्हें समर्पित किया है। अब वे केवल राधा नाम का जप करते हैं – “राधा राधा राधा…”। ऐसा नहीं कि उन्होंने राधा को स्वयं चुना, बल्कि महादेव जी के आदेश और समर्पण से ऐसा हुआ। उन्होंने कहा, जिस दिन महादेव जी ने पानी ग्रहण करके हाथ में दे दिया, उस दिन से साधक ने स्वयं को समर्पित कर दिया। अब वे केवल अपने आराध्य देव के आदेश में हैं।

प्रेमानंद महाराज जी बताते हैं कि अब भी काशी से महादेव जी का प्रसाद – रुद्राक्ष, बिल्वपत्र, चरणामृत – आता रहता है, जैसे किसी बेटी को मायके से उपहार आते हैं। उनका आधा कमरा रुद्राक्ष से भरा हुआ है। यह दर्शाता है कि महादेव जी उनसे निरंतर संबंध में हैं, जैसे एक पिता अपनी बेटी को स्नेहपूर्वक उपहार भेजता है।

अब जब महादेव ने उन्हें राधा वल्लभ के चरणों में समर्पित किया है, तो उनका कर्तव्य है कि वे मन, वचन और कर्म से उसी सेवा में लीन रहें। वे कहते हैं कि हम उस प्रेम के योग्य नहीं, परंतु महादेव जी के कारण राधा वल्लभ जी ने हमें स्वीकार किया है। यह तो पारसमणि के स्पर्श जैसा है – लोहा स्वर्ण बन गया और स्वर्ण मुकुट बनकर भगवान के शीश पर सुशोभित हो गया।

अंत में, प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि महादेव परम गुरु हैं। यदि कोई साधक सच्चे भाव से अनन्य हो जाए और अपना सम्पूर्ण अस्तित्व महादेव को सौंप दे, तो वे सबकुछ स्वयं संभालते हैं। फिर जीवन में कोई अन्य वृत्ति नहीं रह जाती – मन स्थिर हो जाता है, जैसे घड़ी से सेल निकाल देने पर उसकी सभी सुइयाँ रुक जाती हैं। जब आराध्य देव के स्मरण में मन ठहर जाए, तो जीवन दिव्य हो जाता है। यह चमत्कार नहीं, महादेव की कृपा का सहज परिणाम है।

टैरो राशिफल के अनुसार, जुलाई माह में कई राशि के जातकों के लिए लकी हो सकता है, क्योंकि इस माह गुरु आदित्य, धन शक्ति, गजकेसरी , महालक्ष्मी सहित कई राजयोगों का निर्माण करने वाले हैं। ऐसे में कुछ राशियों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। अटके हुए काम एक बार फिर से आरंभ हो सकते हैं। टैरो गुरु मधु कोटिया के अनुसार, टैरो के मुताबिक ये माह कुछ राशियों का खास हो सकता है। जानें मासिक टैरो राशिफल