Sawan 2025: सावन में भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों की कई कामनाएं जल्द पूरा कर सकते हैं। इस साल सावन माह में काफी शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे शंकर जी की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस साल सावन के आरंभ में ग्रहों की स्थिति के हिसाब से कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है। बता दें कि गुरु आदित्य, मालव्य राजयोग, धन शक्ति, विपरीत राजयोग, केंद्र राजयोग, द्विद्वादश जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योगों में शिव जी की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं शिव पूजन का समय, मुहूर्त, पूजा विधि सहित अन्य जानकारी…

LIVE: दुर्लभ योग के साथ सावन हुआ आरंभ, जानें शिव पूजा का मुहूर्त, पूजा विधि, आरती सहित हर एक अपडेट

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह का आरंभ 11 जुलाई होगा और समापन पूर्णिमा तिथि यानी 9 अगस्त को होगा। ऐसे में सावन 30 नहीं बल्कि 29 दिन के होंगे।

पंचांग के अनुसार, सावन के पहले दिन शिव पूजन करना काफी लाभकारी हो सकता है। इस दिन सुबह के साथ-साथ प्रदोष काल में पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:10 बजे से सुबह 04:51 बजे तकअभिजित मुहूर्त- सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजेविजय मुहूर्त- दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तकअमृत चौघड़िया: सुबह 8:27 बजे से सुबह 10:06 बजे तकगोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 बजे से शाम 07:41 बजे तक रहेगा।

सावन के दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद शिव मंदिर जाकर या फिर घर पर शिवलिंग में विधिवत जल चढ़ाने के साथ बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल, दूध दही, घी, शहद, शक्कर, चंदन, अक्षत और गंगाजल चढ़ाएं। इसके बाद भोग में खीर, पुआ, ठंडाई आदि चढ़ाने के बाद घी का दीपक जलाने के साथ शिव के मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही शिव चालीसा का पाठ करने के बाद अंत में आरती कर लें।

पंचाक्षर मंत्र- ॐ नमः शिवाय’महामृत्युंजय मंत्र- ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’

14 जुलाई- पहला सोमवार व्रत21 जुलाई – दूसरा सोमवार व्रत28 जुलाई- तीसरा सोमवार व्रत04 अगस्त- चौथा सोमवार व्रत

डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।