भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि मोहम्मद रिजवान की अगुआई वाली पाकिस्तान क्रिकेट टीम के चैंपियंस ट्रॉफी के नॉकआउट में पहुंचने बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में मौजूदा चैंपियन के तौर पर उतरेगा। पाकिस्तान ने 2017 में फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत को हराया था।

पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी में अपना अभियान 19 फरवरी को कराची में न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू करेगा और फिर 23 फरवरी को दुबई में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत से भिड़ेगा। रवि शास्त्री ने ICC रिव्यू में कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान एक ऐसी टीम है। उसने पिछले 6 से 8 महीनों में व्हाइट-बॉल क्रिकेट में जो अनुभव हासिल किया है। उसने कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किए हैं, खासकर दक्षिण अफ्रीका में।’

रवि शास्त्री ने कहा, ‘पाकिस्तान को शीर्ष पर सैम अयूब की कमी खली है। वह एक अहम खिलाड़ी हैं, लेकिन उसके पास खतरनाक होने के लिए पर्याप्त गहराई (शानदार खिलाड़ियों की मौजदूगी) है, खासकर घरेलू परिस्थितियों में। मैं कहूंगा कि उन्हें सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करना चाहिए। वहां (सेमीफाइनल) से यह किसी के भी लिए सिर्फ एक मैच का मामला होगा। पाकिस्तान अब भी बहुत खतरनाक है और अगर वे क्वालिफाई करते हैं, तो वे दोगुने खतरनाक हो जाएंगे।’

रिकी पोंटिंग ने कहा कि शाहीन अफरीदी, नसीम शाह, हारिस रऊफ और मोहम्मद हसनैन की तेज गेंदबाजी चौकड़ी बहुत घातक हो सकती है। पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी ब्रिगेड बहुत अच्छी है। शाहीन अफरीदी और नसीम शाह की अगुआई में पाकिस्तानी गेंदबाजों ने हाल की सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है। शाहीन और नसीम शाह के पास किसी भी बल्लेबाजी लाइन-अप को परेशान करने की गति और कौशल है।

रिकी पोंटिंग ने कहा, ‘बाबर आजम हाल के वर्षों में थोड़ा ऊपर-नीचे होता रहा है, लेकिन अगर वह और मोहम्मद रिजवान अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखा सकते हैं, तो पाकिस्तान अविश्वसनीय रूप से खतरनाक हो जाएगा।’ रिकी पोंटिंग ने कहा, ‘उनके पास अभी किसी भी दिन किसी भी टीम को हराने के लिए पर्याप्त उच्च गुणवत्ता वाले खिलाड़ी हैं।’

पोंटिंग ने कहा, ‘अगर वे अच्छा खेलते हैं, तो वे जीत जाएंगे। घर पर खेलने का दबाव दोनों तरफ से काम कर सकता है। यह एक वास्तविक प्रेरक हो सकता है, खासकर जब आपके पीछे घरेलू दर्शक हों। यह समर्थन कभी-कभी आपको बड़े मौकों पर जीत हासिल करने में मदद कर सकता है।’