तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के पहले टेस्ट के दूसरे दिन लंच के बाद भारतीय टीम 471 रन पर आउट हो गई। लीड्स का मौसम बदला। बादल छाए और गेंद ने हरकत शुरू कर दी। ऐसे में उम्मीद थी कि जसप्रीत बुमराह की अगुआई में भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड को बैकफुट पर ढकेल देंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बुमराह के अलावा अन्य दो तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने साधारण गेंदबाजी की। इसके अलावा बुमराह को फील्डर्स से समर्थन नहीं मिला।

GG (गंभीर-गिल) दौर के पहले टेस्ट में भारतीय टीम की रणनीति भी समझ से परे दिखी। लीड्स टेस्ट में भारतीय टीम 4 पेसर्स के साथ उतरी है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि शार्दुल ठाकुर का 39 ओवर तक इस्तेमाल ही नहीं हुआ। चौथे गेंदबाज के तौर पर रविंद्र जडेजा का इस्तेमाल हुआ। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या शार्दुल ठाकुर को बल्लेबाजी ऑलरउंडर पर खिलाया गया है? अगर ऐसा है तो फिर नितीश कुमार रेड्डी काफी अच्छे विकल्प होते।

इंग्लैंड की परिस्थितियों में शार्दुल ठाकुर की गेंदबाजी जादू दिखा सकती है। वह गेंद स्विंग करा सकते हैं। खासकर तब जब लीड्स में दूसरे दिन के दूसरे सत्र में बादल छाए हुए थे। शार्दुल ने पिछले रणजी ट्रॉफी में गेंद से काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। मुंबई के लिए उन्होंने 9 मैच की 18 पारियों में 24.97 के औसत और 3.51 की इकॉनमी से 35 विकेट लिए थे। इसमें एक हैट्रिक भी शामिल है।

शार्दुल ठाकुर के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 31 विकेट लिए हैं। इनमें से 10 विकेट इंग्लैंड और 13 विकेट साउथ अफ्रीका और 7 विकेट ऑस्ट्रेलिया में लिए हैं। शार्दुल ठाकुर 2 बार जो रूट को भी आउट कर चुके हैं। बल्लेबाजी की बात करें तो शार्दुल ठाकुर ने निराश किया। उन्होंने 1 रन बनाए।