IND vs ENG: यशस्वी जायसवाल के बचपन के कोच ज्वाला सिंह का मानना ​​है कि इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में उनकी तकनीक और टेंपरामेंट की परीक्षा होगी। जायसवाल पहली बार इंग्लैंड में भारतीय पारी की शुरुआत करेंगे और नई गेंद से खेलना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।

जब इंग्लैंड ने 2024 में भारत का दौरा किया तो क्रिकेट फैंस ने इस युवा खिलाड़ी के आक्रामक स्ट्रोकप्ले को ‘जैज-बॉल’ नाम दिया क्योंकि वह भारत की 4-1 की जीत में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे। हाल ही में जायसवाल के बचपन के कोच ज्वाला सिंह से पूछा गया कि क्या वह इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाजी यानी बैजबॉल का जवाब फिर से अपनी जैज-बॉल से देंगे।

ज्वाला सिंह ने कहा कि जब टीम इंडिया में रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे सीनियर प्लेयर थे तब यशस्वी के पास खुलकर खेलने की आजादी थी, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। रोहित और कोहली के संन्यास के बाद उन्हें थोड़ी अधिकर जिम्मेदारी के साथ बल्लेबाजी करनी होगी। ज्वाला सिंह ने टीओआई से बात करते हुए कहा कि बैजबॉल जैसे शब्द सुनना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन पांच दिवसीय क्रिकेट में तकनीक अभी भी बहुत मायने रखती है। बैजबॉल इरादे से जुड़ा है कि गेंदबाजों पर हमला करना है और आक्रामकता के साथ खेलना है, लेकिन अभी जिम्मेदारी बड़ी है।

उन्होंने आगे कहा कि ऑस्ट्रेलिया सीरीज में यशस्वी के साथ सीनियर खिलाड़ी थे, जिससे उन्हें अपने शॉट्स खेलने की आजादी मिली, लेकिन इस बार जिम्मेदारी ज्यादा है। बल्लेबाजी लाइनअप उन पर काफी निर्भर करेगा। यह सीरीज उनकी तकनीक, स्वभाव और भारत के लिए सत्र जीतने की क्षमता की असली परीक्षा होगी। उन्हें समझदारी से और सावधानी से क्रिकेट खेलना होगा। यशस्वी ने अब तक 19 टेस्ट मैचों में 52.88 की औसत से 1798 रन बनाए हैं, जिसमें चार शतक और दस अर्द्धशतक शामिल हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में दस पारियों में 43.44 की औसत से 391 रन बनाकर दूसरा सबसे ज्यादा रन बनाने वाला खिलाड़ी रहा।