लीड्स के मैदान प्रमुख रिचर्ड रॉबिन्सन ने कहा कि यहां असामान्य रूप से शुष्क मौसम और इंग्लैंड की आक्रामक खेल शैली के कारण शुक्रवार से भारत के खिलाफ शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच के लिए ‘बल्लेबाजी के लिए मददगार पिच’ की उम्मीदें बढ़ गई हैं। लीड्स में आमतौर पर श्रृंखला के बीच में टेस्ट मैच का आयोजन किया जाता है, लेकिन शुरुआती मैच होने के कारण इसने सबका अधिक ध्यान आकर्षित किया है।

रिचर्ड रॉबसिनन ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, वह (इंग्लैंड की टीम) बस एक अच्छी पिच चाहती है, ताकि लाइन ऑफ द बॉल के जरिए शॉट लगाया जा सके। वास्तव में वे इसी की तलाश में हैं। क्रिकेट में ‘हिट थ्रू द लाइन ऑफ द बॉल’ एक तकनीकी टर्म है। इसका मतलब है कि बल्लेबाज गेंद की ही दिशा में मारना चाहता है। अर्थात यह तकनीक सटीकता, पावर और कट या पुल जैसे शॉट खेलते समय गलतियों के जोखिम को कम करने में अहम है।

रिचर्ड रॉबिन्सन को उम्मीद है कि पिच पहले दिन तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होगी, लेकिन गर्मी के कारण यह सपाट हो जाएगी। बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिच न केवल इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए अनुकूल होगी, बल्कि यह अनुभवहीन भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप को भी मुकाबले में और अधिक शामिल करेगी।

टेस्ट की सुबह तक घास घटकर 8 मिमी रह जाएगी, जो हेडिंग्ले में टेस्ट के लिए काफी सामान्य है। रिचर्ड रॉबिन्सन को लगता है कि पिच का अंतिम मूल्यांकन केवल उसी दिन सुबह किया जाना चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि पहले दिन यह ‘थोड़ा सी’ होगी और अपेक्षित गर्मी के कारण जल्दी ही पिच समतल हो जाएगी। रॉबिन्सन का हेडिंग्ले से गहरा नाता है। वह पिच की हार्डनेस से संतुष्ट हैं। उनका मानना है कि इससे अच्छा उछाल मिलना चाहिए। कोच के रूप में ब्रेंडन मैकुलम के तहत इंग्लैंड भी यही चाहता था।

मंगलवार को दोपहर के समय पिच को पूरी तरह से ढक दिया गया ताकि यह ज्यादा सूखने नहीं पाए, जबकि बेन स्टोक्स और इंग्लैंड ने अभ्यास पिचों पर प्रैक्टिस की। बेन स्टोक्स ने सिंगल स्टंप पर गेंदबाजी करके सत्र का अंत किया। यह क्रिकेट के लिए एकदम सही दिन लग रहा था, क्योंकि सूरज निकला हुआ था और तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। हवा भी काफी चल रही थी, जिससे सतह जल्दी सूख सकती है।

पहले टेस्ट मैच के लिए मौसम का पूर्वानुमान है कि तापमान थोड़ा और बढ़ेगा। यह 30 डिग्री के करीब हो जाएगा, लेकिन इससे पिच के टूटने की संभावना नहीं है। इसलिए अगर पिच जल्दी ही समतल हो जाएगी और टेस्ट के अंत तक नहीं टूटेगी, तो पहले गेंदबाजी करना और पहले दिन की परिस्थितियों का फायदा उठाना फायदेमंद हो सकता है।

ब्रेंडन मैकुलम के कोच रहते हुए इंग्लैंड में निश्चित रूप से यही चलन रहा है। उनके कोच रहते इंग्लैंड ने 22 में से 16 टेस्ट में फील्डिंग का विकल्प चुना है, जिनमें से नौ में जीत मिली है और छह में हार का सामना करना पड़ा है। टीम ने अन्य 6 मौकों पर जब पहले बल्लेबाजी चुनी तो उसे हार झेलनी पड़ी।

इंग्लैंड ने इस दौरान हेडिंग्ले के दोनों टेस्ट जीते हैं, जिसमें उसने न्यूजीलैंड के खिलाफ 296 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 251 रन का पीछा किया था। वह एशेज टेस्ट रॉबिन्सन का हेडिंग्ले के मुख्य ग्राउंड्सपर्सन के रूप में डेब्यू भी था। इन टेस्ट मुकाबलों की 8 पारियों में उच्चतम स्कोर 360 और न्यूनतम स्कोर 224 रन रहा।

यह न तो बहुत ज्यादा था और न ही बहुत लो स्कोरिंग। रॉबिन्सन को उम्मीद है कि इस बार भी ऐसा ही होगा, लेकिन इस सप्ताहांत में कुछ और रन बन सकते हैं। दूसरी ओर, भारत ने हाल के वर्षों में हेडिंग्ले में बहुत ज्यादा नहीं खेला है। साल 2021 में अपनी पारी की हार से पहले, उसने आखिरी बार 2002 में इस मैदान पर खेला था। तब उसने पारी और 46 रन से जीत दर्ज की थी।