तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी के पहले टेस्ट की भारत ने शुरुआत अच्छी की थी। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत के शतक की मदद से पहली पारी में 471 रन बनाए। एक समय भारत का स्कोर 430 रन पर 4 विकेट था। इसके बाद भारत ने 41 रन पर 6 विकेट गंवा दिए। दूसरी ओर इंग्लैंड ने 4 विकेट 225 रन पर गंवा दिए थे। इसके बाद भी वह 465 रन तक पहुंच गई। अकेले क्रिस वोक्स ने 38 रन बना दिए।
41 पर 6 विकेट और 240 पर 6 विकेट में 199 रन का फर्क है। इंग्लैंड के लीड्स टेस्ट बने रहने का यह प्रमुख कारण है। लीड्स टेस्ट में बल्लेबाजी के लिए परिस्थितियां पहले 2 दिन काफी अच्छी थीं। शनिवार (21 मई) को लंच के आसपास मौसम बदला और इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय की पारी को बड़े स्कोर तक पहुंचने से रोक दिया। गिल और पंत के क्रीज पर बने रहने तक ऐसा लग रहा था कि भारत 550 से 600 रन बनाएगा।
भारत बल्लेबाजी में गहराई के नंबर 8 पर शार्दुल ठाकुर को खिला रहा है, लेकिन असल में गहराई देखनी है तो इंग्लैंड की बल्लेबाजी पर गौर करिए। नंबर 7 पर वोक्स ने 38, 8 पर ब्रायडन कार्स ने 22 और 10 पर जोश टंग ने 11 रन बनाए। इंग्लैंड ने 398 से 465 तक पहुंचने में सिर्फ 79 गेंद लिए। उसने 79 गेंद पर 67 रन बनाए। इंग्लैंड ने 100.4 ओवर में 465 रन बना दिए।
भारत ने 113 ओवर में 471 रन बनाए। लीड्स टेस्ट के तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने दूसरी पारी में 2 विकेट पर 90 रन बना लिए। उसके पास 96 रन की बढ़त है। केएल राहुल 47 और शुभमन गिल 6 रन बनाकर क्रीज पर हैं। यशस्वी जायसवाल 4 और साई सुदर्शन 30 रन बनाकर आउट हुए। भारत की टीम को मैच पर पकड़ बनाने के लिए कम से कम 2 सत्र बल्लेबाजी करने की जरूरत है। उसे कम से कम 350 रन बनाने होंगे।