मुंबई के दिग्गज स्पिनर पद्माकर शिवालकर का सोमवार (3 फरवरी) को उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। भारत के लिए कभी नहीं खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक माने जाने वाले शिवालकर ने कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में19.69 की औसत से 589 विकेट लिए। बाएं हाथ के स्पिनर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलना जारी रखा।

भारत के प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट में ग्यारह 10 विकेट हॉल सहित 361 विकेट लिए। शिवालकर ने 12 लिस्ट ए मैच भी खेले और 16 विकेट लिए। उन्हें भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2017 में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था। पद्माकर शिवालकर का निधन मुंबई क्रिकेट के साथ-साथ भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के लिए छति है।

15 दिन के अंदर में मुंबई क्रिकेट के दो दिग्गजों का निधन हो गया। पद्माकर शिवालकर से पहले 19 फरवरी को मिलिंद रेगे का निधन हो गया था। सुनील गावस्कर ने पद्माकर शिवालकर को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बाएं हाथ का यह स्पिनर “कुछ अन्य खिलाड़ियों की तुलना में भारतीय टीम में जगह पाने का अधिक हकदार था।” उन्हे इस बात का मलाल है कि वह उन्हें भारतीय टीम में मौका नहीं दिला पाए। गावस्कर ने शिवालकर के निधन पर एक भावुक संदेश लिखा।

सुनील गावस्कर ने लिखा, “यह वाकई बहुत दुखद खबर है। कुछ ही समय में मुंबई क्रिकेट ने अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों मिलिंद और अब पद्माकर को खो दिया है, जो कई जीत के सूत्रधार थे। भारत के कप्तान के तौर पर मेरे लिए अफसोस की बात यह है कि मैं चयनकर्ताओं को टेस्ट टीम में ‘पैडी’ को शामिल करने के लिए राजी नहीं कर पाया। वह भारत की कैप के ज्यादा हकदार थे, जबकि कुछ अन्य लोगों को यह कैप मिली। यह किस्मत है।”

गावस्कर ने बाएं हाथ के स्पिनर के बारे में लिखा, “वह ऐसे गेंदबाज थे, जो विपक्षी टीम के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को आउट कर मुंबई के लिए जीत की नींव रखते थे। उन्हें देश के सबसे बेहतरीन स्पिनरों में से एक माना जाता था। वह अपने किफायती रन अप और खूबसूरत एक्शन के साथ पूरे दिन गेंदबाजी कर सकते थे। पैडी अपनी तरह के अनूठे गेंदबाज थे और उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूं। ओम शांति।” मिलिंद रेगे के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।