रणजी ट्रॉफी में शनिवार से क्वार्टर फाइनल मैच शुरू हुए। मुंबई की टीम के लिए हरियाणा के खिलाफ पहला दिन मिला-जुला रहा। टीम इंडिया के सितारे तो यहां फ्लॉप रहे लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों ने मुंबई की डूबती नैया को संभाल लिया। हरियाणा के उभरते हुए सितारे अंशुल कंबोज ने अपनी गेंदबाजी से एक बार फैंस को प्रभावित किया।
मुंबई ने पहले बल्लेबाजी का फैसला करने के बाद 25 रन तक चार जबकि 113 रन तक सात विकेट गंवा दिये थे लेकिन मुलानी ने 178 गेंद में 91 जबकि कोटियान ने 154 गेंद में नाबाद 85 रन की पारी खेलकर मौजूदा सत्र में एक बार फिर से टीम को संकट से बाहर निकाला।
मुंबई की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। हालांकि उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही। अंशुल कंबोज ने मैच की पहली ही गेंद पर ओपनर आयूष म्हात्रे को बोल्ड किया। इस विकेट के साथ मुंबई पहले ही गेंद से दबाव में दिखने लगी। छठे ओवर में टीम का स्कोर 14 तक पहुंचा था कि सुमित कुमार ने मुंबई को एक और झटका दिया। इस बार सुमित कुमार ने आकाश आनंद को बोल्ड किया।
सिद्देश लाड (चार) और सूर्यकुमार यादव भी गेंद को समझने में विफल रहते हुए बोल्ड हो गये। दुबे ने 32 गेंद की पारी में कुछ अच्छे शॉट लगाये लेकिन चहल की गेंद पर गली में लपके गये। रहाणे कंबोज की गेंद को विकेटकीपर रोहित शर्मा के हाथों में खेल गये। शारदुल ठाकुर (15) ठकराल की गेंद पर उन्हें ही आसान कैच देकर पवेलियन लौटे। इसके बाद मुलानी और कोटियान ने मोर्चा संभाला और हरियाणा के गेंदबाजों को सफलता से दूर रखा। दोनों को जयंत यादव और निशांत सिंधु जैसे स्पिन गेंदबाजों के सामने कोई परेशानी नहीं हुई। मुलानी जयंत की गेंद पर उन्हें आसान कैच देकर प्रथम श्रेणी में अपना दूसरा शतक पूरा करने से चूक गये।
दिन चढ़ने के साथ पिच की नमी कम होने के बाद बल्लेबाजी आसान हो गयी और पिछले साल के ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ कोटियान और मुलानी ने संयम के साथ बल्लेबाजी करते हुए टीम के स्कोर को दिन के आखिर तक 278 रन तक पहुंचा दिया।