रोहित शर्मा के बाद भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के अगले कप्तान शुभमन गिल हैं और ऋषभ पंत को टीम का उप-कप्तान बनाया गया है। गिल के कप्तान बनने के बाद क्रिकेट एक्सपर्ट अलग-अलग तरीके से अपनी राय दे रहे हैं। वहीं सहवाग ने गिल को टेस्ट कप्तानी के लिए तीसरा विकल्प बताया और ये भी कहा कि भविष्य में कौन खिलाड़ी उनकी जगह भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बन सकता है।
क्रिकबज पर एक चर्चा के दौरान पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा कि जसप्रीत बुमराह टेस्ट टीम के कप्तान नहीं बने और टीम में कप्तान बनने के लिए सेकेंड बेस्ट शुभमन गिल ही थे जिसकी वजह से उन्हें कप्तान बनाया गया। हालांकि अगर आप उनके औसत देखेंगे तो …जिस प्लेयर का प्लेइंग इलेवन में भी जगह नहीं बन रहा है उसको आप कैसे कप्तान बनाओगे। गिल के कप्तान बनाने का कारण मुझे यही लगता है कि वो दूसरे बेस्ट विकल्प थे और इसकी वजह से ही उन पर इनवेस्ट किया गया।
सहवाग ने कप्तानी के बारे में बात करते हुए कहा कि बुमराह एक टेस्ट सीरीज के लिए तो कप्तान के रूप में ठीक हैं, लेकिन क्या वो एक साल में 10 टेस्ट खेले जाते हैं तो वो 10 के 10 खेलेंगे या फिर वो 5 खेलेंगे तो फिर कितने खेलेंगे। तो उसके हिसाब से कप्तान चुना जाता है। तो मेरे ख्याल से बुमराह पर गेंदबाजी का लोड ज्यादा है तो फिर गिल को कप्तान बनाने का फैसला सही है। सहवाग ने आगे कहा कि मनोज ने गिल को कप्तानी के लिए सेकेंड बेस्ट बताया, लेकिन मेरी नजर में वहां पर सेकेंड बेस्ट ऋषभ पंत हैं।
सहवाग ने आगे कहा कि कप्तानी के लिए मेरी नजर में शुभमन गिल थर्ड बेस्ट हैं। जो काम ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में किया वो शायद किसी और खिलाड़ी ने नहीं किया। विराट कोहली के बाद दर्शकों को ग्राउंड पर टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए कोई लेके आया तो वो हैं ऋषभ पंत। जिस अंदाज में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में खेला है और जैसा प्रदर्शन किया है (ऑस्ट्रेलिया में), उनका नाम कम लिया जाता है, लेकिन वो कमाल के रहे हैं। मेरे ख्याल से पंत भी कप्तानी के लिए एक नाम थे, लेकिन उनका एक्सीडेंट हो गया, फिर वापस आए पर उतना प्रभाव नहीं डाल पाए टेस्ट क्रिकेट में भी तो शायद उनको उप-कप्तान बनाया गया।
सहवाग ने आगे कहा कि पंत को उप-कप्तान ये सोचकर बनाया गया है कि अगर वो फॉर्म में आए, अगर वो रन बनाने लगे तो शायद अगर कप्तान फ्यूचर में चेंज करना पड़ा तो ऋषभ पंत को कप्तान बनाया जा सकता है। बॉलर का कप्तान बनाए जाने का मुझे उतनी उम्मीद नहीं है क्योंकि जब तक मैं क्रिकेट खेला उस दौरान मैंने सिर्फ एक ही बॉलिंग कप्तान देखा और वो अनिल कुंबले थे। वो टेस्ट खेलते भी थे, फिटनेस भी अच्छी थी, उपलब्ध भी थे, लेकिन बॉलर को टेस्ट कप्तान बनाना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि वो पूरे साल टेस्ट खेल पाएंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं होती।