हिमांशु अग्निहोत्री। भारतीय टेबल टेनिस कुछ वर्षों से वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ रहा है। इस क्रांति की प्रमुख नायिकाओं में से एक हैं 22 साल की दीया चितले। दीया चितले 2025 सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में महिला एकल खिताब जीतकर सुर्खियों में आईं। टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टाप्स) और उनके कोच सचिन शेट्टी के मार्गदर्शन में दीया ने दबाव और असफलता से निपटने का हुनर सीखा है।

विश्व टेबल टेनिस रैंकिंग में 29वें नंबर पर काबिज दीया ने ‘जनसत्ता’ से विशेष बातचीत में कहा, ‘टाप्स खिलाड़ियों के लिए मददगार है। मेरा लक्ष्य 2028 लास एंजिलिस ओलंपिक है। भारत के लिए मिक्स्ड डबल्स में मुझे स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद है।’

टेबल टेनिस के प्रति अपने जुनून पर दीया ने बताया, ‘मेरा टेबल टेनिस का सफर बचपन में पारिवारिक छुट्टियों से शुरू हुआ। छुट्टियों में इसे शौकिया तौर पर खेलना शुरू किया, लेकिन जब जिला प्रतियोगिता में कांस्य पदक और फिर अंडर-12 नेशनल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता तब मैंने और मेरे परिवार ने इसे गंभीरता से लिया। मुझमें तभी से टेबल टेनिस खेलने का जुनून जागा।

कोच सचिन शेट्टी को अपनी सफलता का श्रेय देने वाली दीया ने कहा, ‘कोच मेरे लिए मार्गदर्शक से कहीं बढ़कर हैं। उनकी सलाह बहुत स्पष्ट थी। अगर मुझे सिर्फ भारत का प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि पदक जीतना है, तो मुझे कुछ अलग सोचना होगा। उन्होंने मुझे विदेश में प्रशिक्षण लेने, अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने और मेरे बुनियादी कौशल को फिर से गढ़ने के लिए प्रेरित किया।’ उन्होंने कहा, ‘कोच की वजह से मैंने जर्मनी और जापान में अभ्यास किया, जिसने मेरे खेल को नया आयाम दिया।’

दीया ने यह भी बताया कि अल्टीमेट टेबिल टेनिस 2023 का सत्र उनके लिए काफी कठिन था। दीया ने कहा, ‘वह मेरा पदार्पण सत्र था। मैंने वहां असफलता से बहुत कुछ सीखा- जैसे, दबाव में शांत रहना और हार को गले लगाना। 2024 में टूर्नामेंट में मणिका बत्रा और अहायिका के खिलाफ मेरी जीत और 2025 का राष्ट्रीय खिताब उसी सीख का नतीजा है।’ दीया ने खेलो इंडिया को भी अपनी सफलता में अहम किरदार बताया। उन्होंने कहा, ‘खेलो इंडिया में हिस्सा लेने से हमें अपने करियर को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिल रही है।’

दीया ने ‘टाप्स’ के बारे में कहा, ‘‘टाप्स’ मेरे लिए एक वरदान है। इस योजना के तहत मुझे विदेशी प्रशिक्षण, अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने में मदद मिली। टॉप्स के समर्थन के बिना 2025 में मानुष शाह के साथ विश्व टेबिल टेनिस चैंपियनशिप की मिक्स्ड डबल्स में हिस्सा लेना और राष्ट्रीय चैंपियन बनना संभव नहीं होता। यह मुझे मेरे 2028 ओलंपिक के सपने के करीब ले जा रहा है।’

मिक्स्ड डबल्स में हिस्सा लेने पर उन्होंने कहा, ‘इस स्पर्धा में भारत के पास पदक जीतने के बड़े मौके बन सकते हैं। यह ओलंपिक में एक अलग स्पर्धा है और 2028 ओलंपिक में और पदक जीतने की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा कि मणिका, श्रीजा और अन्य खिलाड़ी टाप रैंक वाले खिलाड़ियों को हरा रहे हैं। हमारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतर धीरे-धीरे कम हो रहा है। मानुष के साथ मेरी जोड़ी भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। मुझे लगता है कि समय अब हमारे पक्ष में है।’

अपनी दिनचर्या को लेकर दीया ने कहा, ‘अनुशासन मेरे लिए सबकुछ है। मैं रोजाना 5-6 घंटे अभ्यास करती हूं- मल्टीबाल ड्रिल्स, सर्व प्रैक्टिस, फुटवर्क। इसके बाद रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी और योगा जरूरी है। मेरी डाइट हाई-प्रोटीन और लो-कार्ब है, जो मुझे एनर्जी देती है। यह आसान नहीं, लेकिन मेरा लक्ष्य ओलंपिक पदक है, तो यह सब इसके लिए जरूरी है।

क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों की भी बढ़ती लोकप्रियता पर वह बोलीं, ‘भारत में यह बदलाव बहुत सकारात्मक है। पहले सिर्फ क्रिकेट की बात होती थी, लेकिन अब पीवी सिंधु, नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी घर-घर में जाने जाते हैं। टेबल टेनिस में भी उच्च श्रेणी के खिलाड़ियों की वजह से लोग अब हमें जानने लगे हैं। अल्टीमेट टेबिल टेनिस जैसे टूर्नामेंट ने भी इसे टीवी तक पहुंचाया, जिससे खेल के प्रशंसक बढ़े।

युवा खिलाड़ियों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेहनत और अनुशासन से कोई भी अपने सपनों को पा सकता है। हार से डरें नहीं, क्योंकि वह आपकी सबसे बड़ी शिक्षक है। एक अच्छा कोच ढूंढें, अपने खेल को बेहतर बनाएं और हमेशा दूर की सोचें। भारत का समय अब आ गया है और हम ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की कोशिश करेंगे।’