आयरलैंड और जिम्बाब्वे के बीच टेस्ट मैच में दुर्लभ मामला देखने को मिला। जिम्बाब्वे की टीम की कमान एक डेब्यूटेंट को सौंपी गई। महान खिलाड़ी एलिस्टेयर कैंपबेल के बेटे जॉनाथन कैंपबेल को गुरुवार (6 फरवरी) को बुलावायो में आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में जिम्बाब्वे की कप्तानी करने का मौका मिला। 27 वर्षीय जॉनाथन को टीम की कमान संभालने के लिए कहा गया क्योंकि नियमित कप्तान क्रेग एर्विन ने पारिवारिक कारणों के चलते आखिरी समय में टेस्ट मैच से नाम वापस ले लिया।

जिम्बाब्वे क्रिकेट ने एक बयान में कहा, ” जिम्बाब्वे के कप्तान क्रेग एर्विन ने फैमिली इमर्जेंसी के कारण आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से नाम वापस ले लिया है। टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर रहे जॉनाथन कैंपबेल टीम की कमान संभालेंगे। घरेलू स्तर पर अनुभवी कप्तान कैंपबेल रोमांचक ऊर्जा लेकर आते हैं और शानदार फॉर्म में हैं।”

कैंपबेल डेब्यू मैच में टेस्ट टीम की कप्तानी करने वाले जिम्बाब्वे के दूसरे क्रिकेटर बन गए हैं। उनसे पहले डेव ह्यूटन ने 1992 में हरारे में भारत के खिलाफ जिम्बाब्वे के पहले टेस्ट में टीम की कप्तानी की थी। कैंपबेल पिछले 50 सालों में डेब्यू टेस्ट में कप्तानी करने वाले सिर्फ तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं। इसमें वे खिलाड़ी शामिल नहीं हैं, जिन्होंने अपने देश के पहले टेस्ट मैच में कप्तानी की थी।

2024 में नील ब्रैंड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में साउथ अफ्रीकी टीम की कप्तानी की थी। 1995 में ली जर्मन ने डेब्यू मैच में न्यूजीलैंड की कमान संभाली थी। 21वीं सदी में, केवल पांच खिलाड़ियों ने अपने डेब्यू पर टेस्ट टीमों का नेतृत्व किया है। अन्य तीन नैमुर रहमान (बांग्लादेश, 2000), विलियम पोर्टरफील्ड (आयरलैंड, 2018) और असगर अफगान (अफगानिस्तान, 2018) हैं।

जॉनाथन कैंपबेल ने अपने टेस्ट डेब्यू से पहले 34 प्रथम श्रेणी मैच खेले। इसमें उन्होंने चार शतकों सहित 1,913 रन बनाए। एक बेहतरीन लेग स्पिनर के रूप में उन्होंने 42 विकेट लिए, जिसमें एक चार विकेट हॉल भी शामिल है। कैंपबेल ने मई 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में अपना टी20 डेब्यू किया।

इसमें कैंपबेल ने 24 गेंदों पर 45 रन बनाए। उन्होंने 9 टी20 में 123 रन बनाए हैं। उनके नाम लिस्ट ए का भी एक मजबूत रिकॉर्ड है, जिसमें उन्होंने 45 मैचों में लगभग 40 की औसत से 1,372 रन बनाए हैं। जॉनाथन के पिता एलिस्टेयर ने जिम्बाब्वे के लिए 1992 से 2003 के बीच 60 टेस्ट और 188 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 8,000 से अधिक रन बनाए।