निर्वाचन आयोग के नई नियमावली को लेकर बिहार में विपक्ष आज आंदोलन कर रहा है। इसके तहत महागठबंधन ‘बिहार बंद’ कर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है। इसको लेकर राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सीपीआईएमएल के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं राज्य के अन्य हिस्सों में राजद, कांग्रेस और लेफ्ट यूनियन के कार्यकर्ता ट्रेन रोक रहे है साथ ही सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

बिहार बंद को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव आक्रामक अंदाज में नजर आए। लोगों से उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग अब गोदी आयोग बन गया है। इसके साथ ही तेजस्वी ने एनडीए गठबंधन पर बिहार के गरीब लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कि ये सब भाजपा निर्वाचन आयोग का उपयोग करके कर रही है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में एनडीए हार रही है।

‘बिहार बंद’ पर तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का अंग बन गया है। क्या गुजरात के दो लोग तय करेंगे कि कौन बिहारी मतदाता वोट दे सकता है और कौन नहीं?” उन्होंने आगे कहा, “चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। गरीब लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। पहले उनके नाम हटाए जा रहे हैं, फिर उनकी पेंशन और राशन भी छीन लिया जाएगा।”

वहीं पिछले दिनों बिहार में हुई हत्याओं को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार में कानून – व्यवस्था का आपराधिक इतिहास हो चुका है। नीतीश कुमार अचेत अवस्था में हैं, उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है। उन्हें हाईजैक कर लिया गया है। देखिए चुनाव के बाद ये लोग उनके साथ क्या करते हैं।”

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वहीं ‘बिहार बंद’ के विरोध में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद ने कहा है, “आप देख सकते हैं कि लोग हमारे विरोध प्रदर्शन के आह्वान को गंभीरता से ले रहे हैं। सत्ताधारी दल, चुनाव आयोग के साथ मिलकर जनता को परेशान कर रहे है। कई सवाल हैं – क्या 2024 के चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वालों का वोट वैध नहीं था? ऐसे में फिर मौजूदा सरकार नहीं चल पाएगी।”

#WATCH | Patna, Bihar | On ‘Bihar Bandh’, RJD leader Tejashwi Yadav says, “… The Election Commission has become a wing of a political party… Will two people from Gujarat decide which Bihari voter can vote and which can not?”He said, “The Election Commission has lost its… pic.twitter.com/tdVl9akmTQ

दरअसल निर्वाचन आयोग ने बिहार चुनाव से पहले मतदाताओं से उनके नाम के सत्यापन के लिए कई जरूरी कागज मांगे हैं। जिसको लेकर विवाद हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेजों की लिस्ट जारी की है जिसमें बीएलओ को मतदाता का नाम, माता-पिता का नाम, पता, मतदाता पहचान पत्र का नंबर, आधार नंबर, जन्मतिथि दर्ज करना है। इसके अलावा कई और दस्तावेज हैं।