छत्तीसगढ़ के एक सरकारी अफसर का फोन जलाशय में गिर गया तो पूरे जलाशय का ही पानी खाली करा दिया। एक सरकारी अधिकारी के लिए सेल्फी महंगी साबित हुई, जिन्हें शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया क्योंकि उनके नए फोन की तलाश में दो दिनों में छत्तीसगढ़ के एक जलाशय से 21 लाख लीटर पानी निकाला गया था।
कोयलीबेड़ा ब्लॉक के फूड ऑफिसर राजेश विश्वास अपने दोस्तों के साथ पंखाजूर के परलकोट जलाशय के पास पार्टी मनाने के लिए गए थे लेकिन सेल्फी लेते समय उनका महंगा फोन पानी में गिर गया। उन्होंने उसे निकालने के लिए पूरा जलाशय खाली करा दिया। वहीं, अब इस मामले में फूड अफसर को उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया है। कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने उनके निलंबन की पुष्टि करते हुए कहा, “अधिकारी के पास पानी निकालने का कोई अधिकार नहीं था इसलिए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।”
32 वर्षीय फूड ऑफिसर राजेश विश्वास कांकेर जिले के पखांजुर शहर में तैनात हैं। उनके पास 95,000 रुपये का एक सैमसंग S23 अल्ट्रा फोन, का था। विश्वास 21 मई को दोस्तों के साथ परलकोट जलाशय में पिकनिक मनाने गए थे। उन्होंने सेल्फी लेने के चक्कर में अपना फोन 10 फुट गहरे जलाशय में गिरा दिया।
राजेश विश्वास ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “चूंकि मैं एक स्थानीय हूं, ऐसे में कुछ ग्रामीण जो तैरना जानते हैं वे मेरा फोन खोजने के लिए आए। वे दो दिनों तक इसकी तलाश करते रहे। जब वे मंगलवार तक इसका पता लगाने में विफल रहे, तो उन्होंने सुझाव दिया कि थोड़ा पानी निकाल दें। मैंने कहा कि फोन तब तक खराब हो जाएगा। पर स्थानीय लोगों ने जोर देकर कहा कि वे इसे मेरे लिए ढूंढ लेंगे।
यह कहते हुए कि उन्होंने दो महीने पहले फोन खरीदा था और जलाशय में गिराए जाने के बाद से बेहद परेशान थे विश्वास ने कहा, “मैंने जल संसाधन विभाग के उप मंडल अधिकारी (SDO) को फोन किया, जिन्होंने मौखिक अनुमति दी क्योंकि यह सिर्फ कुछ फीट पानी था। मंगलवार की रात मैंने 7,500 रुपये में एक डीजल पंप किराए पर लिया और दो दिनों की अवधि में जलाशय से लगभग तीन फीट पानी निकाला।”
Watch | A food inspector posted in #Chhattisgarh Kanker district was suspended after he drained out around 21 lakh litres of water from a reservoir next to a dam to fish out his recently-bought Samsung phone. pic.twitter.com/jXWzwfGSI3
यह पूछे जाने पर कि जलाशय से कुल कितना पानी निकाला गया, उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता। आप ग्रामीणों से पूछ सकते हैं।” जिसके बाद क्षतिग्रस्त हालत में मिला फोन विश्वास को सौंप दिया गया। मीडिया पर चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का आरोप लगाते हुए अफसर ने कहा, “जलाशय में पानी का इस्तेमाल केवल पिकनिक मनाने वालों द्वारा नहाने के लिए किया जाता है, न कि सिंचाई या किसी दूसरे काम के लिए।”
हालांकि, कांकेर कलेक्टर ने कहा कि इस भीषण गर्मी में ग्रामीणों और जानवरों द्वारा पानी का इस्तेमाल किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी बिना पूर्व अनुमति के इस तरह की कार्रवाई नहीं कर सकता है।
निलंबन आदेश में कहा गया है, “विश्वास ने अपने मोबाइल फोन की तलाश के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और सक्षम अधिकारी से अनुमति के बिना इस चिलचिलाती गर्मी के मौसम में लाखों लीटर पानी निकाला जो अस्वीकार्य है। जिसके लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।”
कलेक्टर द्वारा एसडीओ को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के पानी निकालने की मौखिक अनुमति देना कदाचार की श्रेणी में आता है। एसडीओ को एक दिन के भीतर जवाब देने या अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा गया है। साथ ही जल संसाधन विभाग के राज्य सचिव को पत्र भेजकर एसडीओ और विश्वास से उनके द्वारा बर्बाद किए गए पानी के लिए भुगतान करने के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
(Story by Jayprakash S Naidu)