छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले (Dantewada district in Chhattisgarh) में बुधवार को नक्सलियों द्वारा आईईडी ब्लास्ट (IED Blast) किया गया। इस ब्लास्ट में एक पुलिस पिक अप वैन के परखच्चे उड़ गए। इस हमले में 10 जवान शहीद हो गए और गाड़ी चला रहे ड्राइवर की भी मृत्यु हो गई। वहीं निशाना बनाए गए वाहन के ठीक पीछे चल रही एक स्कॉर्पियो के ड्राइवर ने कहा कि वह जब तक जीवित रहेगा, वह इस घटना को नहीं भूल पाएगा।
स्कार्पियो चला रहे ड्राइवर ने कहा कि पान मसाला चबाने के लिए धीमे होने के बाद एक मल्टी-यूटिलिटी वाहन ने उनकी स्कॉर्पियो को ओवरटेक किया था। ड्राइवर ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार चैनल एनडीटीवी को बताया कि विस्फोट के तुरंत बाद उनके वाहन में यात्रा कर रहे सुरक्षाकर्मी कूद गए और सड़क के किनारे स्थिति संभाली और जंगल की ओर गोलियां चलानी शुरू कर दी।
ड्राइवर ने कहा, “मेरा वाहन काफिले में दूसरे स्थान पर था। मेरे वाहन में सात सुरक्षाकर्मी यात्रा कर रहे थे। मैंने उस स्थान से 150-200 मीटर पहले वाहन को धीमा कर दिया। जो वाहन हमारे पीछे था, वह आगे निकल गया। अचानक एक विस्फोट हुआ। मुझे लगता है कि मेरा वाहन टारगेट पर था लेकिन भगवान ने हमें बचा लिया।”
ड्राइवर ने आगे बताया कि धूल और धुएं का गुबार छंटने से पहले ही सभी सुरक्षाकर्मी वाहन से बाहर कूद गए। उन्होंने बताया, “सुरक्षाकर्मियों ने सड़क पर पोजिशन ले ली और कवर लेने और उन्हें (नक्सलियों को) घेरने के लिए चिल्लाने लगे और अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। मेरे सामने गाड़ी उड़ाई गई। मैंने सड़क पर लाशों के टुकड़े और वाहन बिखरे देखे। मैं पूरी तरह से चौंक गया और छिपने के लिए अपने वाहन के नीचे चला गया।”
ड्राइवर ने दावा किया कि करीब 15 मिनट तक गोलीबारी जारी रही लेकिन उसे जंगल में कोई हलचल नजर नहीं आई। ड्राइवर ने कहा, “सुरक्षाकर्मियों ने मुझे अरनपुर लौटने के लिए कहा, जिसके बाद मैं हमले की जगह से लगभग एक किमी दूर पुलिस स्टेशन वापस चला गया। रास्ते में मैंने पुलिस कर्मियों को ले जा रहे दो वाहनों को सूचित किया, जो वहां से आ रहे थे। हालांकि तब तक उन्हें आभास हो गया था कि कुछ हुआ है क्योंकि विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी कि इसे दूर से भी सुना जा सकता था।”