मध्य प्रदेश के गुना में हनुमान जयंती पर हुई सांप्रदायिक घटना के मामले में पुलिस ने बीजेपी नेता और गुना में पार्षद ओमप्रकाश उर्फ गब्बर कुशवाह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस द्वारा दायर किए गए केस में गब्बर कुशवाह पर लोकल मस्जिद के सामने जुलूस का नेतृत्व करने, भड़काऊ नारे लगाने और पथराव में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
कोतवाली पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर महेश लाकड़ा द्वारा दायर की गई पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, कोल्हूपुरा से शुरू होकर कर्नलगंज से गुजर रहे इस जुलूस ने मदीना मस्जिद के पास कथित तौर पर पब्लिक ऑर्डर को बाधित किया।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि 12 अप्रैल को शाम 4 बजे के करीब पुलिस को मस्जिद के पास जुलूस निकलने की सूचना मिली। इसके बाद महेश लाकड़ा, SI तोरण सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और पाया कि BJP नेता के नेतृत्व में जुलूस निकल रहा है। इस जुलूस में बीजेपी नेता गब्बर के साथ उसके साथी मोनू ओझा, विशाल अन्नोटिया और संजय उर्फ बग्गा रघुवंशी भी शामिल हैं।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि जब उनसे समूह और डीजे के साथ जुलूस की इजाजत को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने पुलिस के अधिकार पर सवाल उठाते हुए चुनौतीपूर्ण तरीके से जवाब दिया। पुलिस द्वारा जब जुलूस को रोकने के प्रयास किए गए तो जुलूस में शामिल लोग मस्जिद के सामने रुक गए। इस दौरान तेज आवाज में डीजे बज रहा था और एक विशिष्ट समुदाय को टारगेट करके भड़काऊ नारे लगाए गए।
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि स्थिति तब बिगड़ गई जब बीजेपी नेता और 10-15 अन्य लोगों ने कथित तौर पर पुलिस के निर्देशों को मानने से इनकार कर दिया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी की और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और स्थिति को कंट्रोल किया गया।
बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सलुजा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “सभी लोग वीडियो देख सकते हैं कि मस्जिद से पत्थरबाजी शुरू हुई। बीजेपी पार्षद पर मामला क्यों दर्ज किया गया? इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।”
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