Madhya Pradesh High Court Judge: जस्टिस डीवी रमना ने मंगलवार को कहा कि उन्हें परेशान करने के इरादे से 2023 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ट्रांसफर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अगस्त 2023 में आंध्र प्रदेश प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस रमना को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव रखा। इतना ही नहीं उन्होंने इस पर फिर से विचार करने का आग्रह किया और कहा कि इसके बजाय कर्नाटक हाई कोर्ट में तबादला कर दिया जाए। हालांकि, कॉलेजियम को उनके आग्रह में कोई दम नहीं दिखा।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच से रिटायर हुए रमना ने मंगलवार को कहा, ‘मुझे बिना किसी कारण के आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। मुझसे ऑप्शन पूछा गया। मैंने कर्नाटक राज्य का विकल्प चुना ताकि मेरी पत्नी को बेहतर इलाज मिल सके। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार नहीं किया।’
जस्टिस रमना ने कहा, ‘मैंने 1-11-23 को मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट के जज के तौर पर पदभार संभाला। इसके बाद मैंने अपनी पत्नी के मेडिकल ट्रीटमेंट के आधार पर 19-7-24 और 28-8-24 को सुप्रीम कोर्ट में रिप्रेजेंटेशन भेजा। लेकिन उस पर ना तो विचार किया गया और ना ही उसे खारिज किया गया। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीशों के कार्यकाल के दौरान मैंने एक और रिप्रेजेंटेशन भेजा, जिसे भी न तो खारिज किया गया और न ही उस पर विचार किया गया। मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मैं निराश और बहुत दुखी हूं। मेरा ट्रांसफर आदेश मुझे परेशान करने के इरादे से जारी किया गया लगता है।’
महिला जजों को हटाने पर HC पर भड़का सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस रमना ने आगे कहा कि भगवान इतनी आसानी से भूलते या माफ नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्हें कई और भी तरीकों से भी कष्ट उठाना पड़ेगा। हर किसी के लिए एक पद जारी नहीं रखा जा सकता। हालांकि, जैसा कि किस्मत ने चाहा, मेरे लिए यह अभिशाप वरदान में बदल गया क्योंकि मुझे अपने साथी जजों के साथ-साथ जबलपुर और इंदौर के बार के सदस्यों से भी अपार प्रेम, समर्थन और सहयोग मिला।’ जस्टिस रमना ने कहा कि ट्रांसफर से मुझे परेशान होने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जस्टिस रमना ने कहा, ‘इन सामान्य रोजमर्रा के अनुभवों के जरिये मैंने अपनी जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना किया और महसूस किया है कि कड़ी मेहनत के अलावा सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। जिस दिन से मैं न्यायिक सेवा में शामिल हुआ, उस दिन से लेकर न्यायपालिका में इस पद तक पहुंचने तक, मुझे षड्यंत्रकारी जांच का सामना करना पड़ा। मेरे परिवार और मैंने चुपचाप सहा लेकिन आखिरकार सच्चाई हमेशा जीतेगी।’ वहीं एक अलग मामले में जज साहब को काम भी रोकना पड़ गया था। पढ़ें पूरी खबर…