राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को दावा किया कि वर्तमान में भाजपा विरोधी लहर है। कर्नाटक के विधानसभा चुनावों के परिणामों को देखते हुए लोग बदलाव चाहते हैं। पवार ने कहा कि अगर लोगों की यह सोच जारी रहती है तो देश आगामी चुनावों में बदलाव देखेगा। भाजपा को कर्नाटक चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस पांच साल के बाद सत्ता में वापस आई।
मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए मुझे लगता है कि भाजपा विरोधी लहर चल रही है। कर्नाटक चुनाव के नतीजों को देखते हुए लोग बदलाव के मूड में हैं। अगर लोगों की यही सोच बनी रही तो आने वाले चुनाव में देश में बदलाव आएगा। यह बताने के लिए किसी ज्योतिषी की जरूरत नहीं है।
लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी और सहयोगी दलों के कई लोगों का भी यही मत है। पवार ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता। कर्नाटक विधानसभा चुनावों के परिणामों को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव कराने के झंझट में पड़ेगी। उनका ध्यान केवल लोकसभा चुनाव पर रहेगा।
ध्यान रहे कि अपने अमेरिका दौरे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी दावा किया था कि आने वाले तीन-चार विधानसभा चुनावों में दिख जाएगा कि बीजेपी-संघ के गठजोड़ को हराना कोई बड़ा काम नहीं है। राहुल ने कर्नाटक चुनाव का जिक्र करते हुए ये दावा किया था। उनका कहना था कि कर्नाटक से दिखा कि लोग बीजेपी से आजिज आ चुके हैं। वो बदलाव को तैयार हैं और समय आने पर अपने तेवरों का एहसास बीजेपी को करा देंगे।
महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति और हिंसा की कुछ घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि राज्य में कुछ छोटे मुद्दों को धार्मिक रंग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था स्थापित करने के लिए जिम्मेदार हैं। अगर सत्ता पक्ष और उनके लोग इसे लेकर सड़कों पर उतर आते हैं तथा दो धर्मों के बीच दरार पैदा करते हैं तो यह शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर औरंगाबाद में कोई पोस्टर दिखाया जाता है, तो पुणे में हिंसा की क्या जरूरत है। लेकिन ऐसा होने दिया जा रहा है।