पंजाब की फरीदकोट पुलिस ने 2019 में हुई एक हत्या के मामले में एक विशेष जांच दल के तीन अधिकारियों और दो अन्य पर रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है। आरोपी अधिकारी फरीदकोट के पुलिस अधीक्षक गगनेश कुमार शर्मा, डीएसपी सुशील कुमार पराशर और सब-इंस्पेक्टर खेम चंद हैं। अन्य दो जिन पर आईजी प्रदीप कुमार यादव (IG Pardeep Kumar Yadav) के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है, वे रिश्वत मामले में मध्यस्थ मलकीत सिंह और जस्सी ठेकेदार हैं।
पुलिस ने फरीदकोट के कोट सुखिया गांव में डेरा प्रमुख गगन दास (Dera head Gagan Das) की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। गगन दास के अनुसार पुलिस ने उस मामले में 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। दो अज्ञात युवकों ने नवंबर 2019 में गगन दास के हरका दास डेरा में प्रवेश किया और डेरा के तत्कालीन उप प्रमुख दयाल दास पर गोलियां चलाईं, जिनकी बाद में मौत हो गई।
गगन दास ने कहा कि हत्या के मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) में पुलिस अधिकारियों ने आखिरकार 35 लाख रुपये पर समझौता किया, जिसमें से उन्होंने उन्हें 20 लाख रुपये दिए थे। गगन दास ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने उनकी मांग पूरी नहीं करने पर उन्हें मामले में शामिल करने की धमकी दी थी। इस बीच हत्या के तुरंत बाद, पुलिस ने गगन दास की शिकायत पर तीन लोगों को बुक किया और उनमें से एक मोगा स्थित डेरा के प्रमुख जरनैल दास थे।
बता दें कि विजिलेंस टीम ने फरीदकोट के एसएसपी दफ्तर में छापेमारी की। इसके बाद विजिलेंस टीम ने एसपी और डीएसपी से लगभग 2 घंटे तक पूछताछ की। इस घटनाक्रम ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है।
इसके पहले मार्च में पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ के 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इन आरोपी पुलिसकर्मियों में कॉन्स्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक (क्राइम ब्रांच के पूर्व इंचार्ज) तक के अधिकारी शामिल थे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ के एक डॉक्टर को अगवा कर मोबाइल लोकेशन का रिकॉर्ड नष्ट करने पर पंजाब के डीजीपी को केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए पंजाब के डीजीपी को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने के आदेश दिए थे। साथ ही इस एसआईटी की अगुआई एसएसपी रैंक के अफसर से नीचे के अधिकारी से न करवाने को कहा था।