पंजाब में भगवंत मान सरकार ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, विधायक गुरमीत सिंह खुडियां और बलकार सिंह ने पंजाब में नए मंत्रियों के रूप में शपथ ली है। अब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पांच मंत्रियो के पोर्टफोलियो भी निर्धारित कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल के नाम लिखे पत्र में विधायक गुरमीत सिंह मीत को पांच विभाग सौंपने की जानकारी दी है, जिनमें :

1. जल संसाधन (Water Resources) 2. खान और भूविज्ञान (Mines & Geology) 3. विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण (Science, Technology & Environment) 4. खेल और युवा सेवाएं (Sports & Youth Services) 5. भूमि और जल का संरक्षण (Conservation of Land & Water) विभाग हैं।

इसके अलावा कुलदीप सिंह धालीवाल को 1.एनआरआई मामले (NRI Affairs) और 2. प्रशासनिक सुधार (Administrative Reforms) मंत्रालय दिए गए हैं।

लालजीत सिंह भुल्लर को 1.परिवहन (Transport) 2. ग्रामीण विकास एवं पंचायत (Rural Development & Panchayats) विभाग सौंपा गया है।

बलकार सिंह को 1.स्थानीय सरकार (Local Government) 2.संसदीय कार्य (Parliamentary Affairs) विभाग सौंपे गए हैं।

गुरमीत सिंह खुडियां को 1.कृषि और किसान कल्याण पशुपालन (agriculture & Farmers’ Welfare) 2. मत्स्य पालन और डेयरी विकास(Animal Husbandry, Fisheries and Dairy Development) 3.खाद्य प्रसंस्करण (Food Processing) मंत्रालय सौंपा गया है।

Punjab Government reallocates the portfolios of the five cabinet ministers. pic.twitter.com/1ccK6GP25C

गुरमीत सिंह खुडियां (60) मुक्तसर की लांबी सीट से विधायक हैं। 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्होंने पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को उनके गढ़ में 11,396 मतों के अंतर से मात दी थी।

बलकार सिंह (60) जालंधर में करतारपुर आरक्षित सीट से विधायक हैं। सिंह एक पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। वह पंजाब पुलिस से सेवानिवृत्त होने के बाद 2021 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए थे। चुनाव में सिंह पहली बार विधायक बने थे। पंजाब में 14 महीने पुरानी मान के नेतृत्व वाली सरकार का यह तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार है। भगवंत मान सरकार ने जुलाई 2022 में अपना पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया था, जिसमें पार्टी के पांच विधायकों को मंत्री बनाया गया था। इस साल जनवरी में ‘आप’ के वरिष्ठ नेता एवं पटियाला ग्रामीण से विधायक डॉ. बलबीर सिंह को मंत्री बनाया गया। उन्हें फौजा सिंह सारारी के इस्तीफे के बाद मंत्री बनाया गया था।