Rajasthan News in Hindi: राजस्थान के सत्तारूढ़ दल बीजेपी के नेता ज्ञानदेव आहूजा ने सोमवार को अलवर के एक राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया। यहां एक दिन पहले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के नेता टीकाराम जूली ने भाग लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आहूजा के इस कृत्य को दलितों का अपमान बताया है।
हालांकि ज्ञानदेव आहूजा ने अपने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं को ऐसे समारोहों में शामिल होने का कोई ‘नैतिक अधिकार’ नहीं है क्योंकि उनके पार्टी आलाकमान ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था और पिछले साल अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का ‘बहिष्कार’ किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके कृत्य में “दलित” वाला कोई मामला नहीं था।
अलवर की एक आवासीय सोसायटी में बने राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह रविवार को रामनवमी के अवसर पर हुआ। इसमें नेता प्रतिपक्ष जूली भी शामिल हुए थे।
ज्ञानदेव आहूजा ने सोमवार को कहा, “प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम बहुत बड़ा हुआ लेकिन उसमें थोड़ी ‘विसंगति’ रह गई। उन लोगों को भी बुलाया गया जिन लोगों ने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को चुनौती दी।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए न्यायालय में हलफनामा दाखिल करवाया था।”
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उन्होंने कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अयोध्या में ऐतिहासिक राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार किया। इसलिए पार्टी नेताओं को ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” उन्होंने कहा, “(अलवर में)यह भगवान श्रीराम का मंदिर है। इनके चरणों में अभी मैंने गंगाजल छिड़का है। गंगाजल छिड़ककर पवित्र करते हुए मैंने पूजन किया है क्योंकि मैं कल नहीं आया था। गंगाजल से पवित्र इसलिए किया क्योंकि अपवित्र लोग आ गए थे।”
इस बीच अशोक गहलोत ने बीजेपी नेता की आलोचना करते हुए कहा, “बीजेपी नेता आहूजा द्वारा नेता प्रतिपक्ष जूली के मंदिर जाने के बाद गंगाजल छिड़कने की घटना दलितों के प्रति भाजपा की दुर्भावना को दर्शाती है। 21वीं सदी में ऐसी संकीर्ण मानसिकता एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए वह कम है।”
उन्होंने X पर लिखा, “क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अपने वरिष्ठ नेता के इस व्यवहार से सहमत हैं? क्या इस घृणित कृत्य के लिए भाजपा अपने नेता पर कार्रवाई करेगी?”
जूली ने भी आहूजा के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने X पर लिखा, “बीजेपी के वरिष्ठ नेता आहूजा का बयान बीजेपी की दलितों के प्रति मानसिकता का परिचायक है। मैंने विधानसभा में दलितों की आवाज उठाते हुए छुआछूत के विरुद्ध अभियान चलाने की बात कही थी पर भाजपा की मानसिकता यह है कि वह मेरे दलित होने के कारण मंदिर जाने पर गंगाजल से मंदिर धुलवाने की बात कह रहे हैं। यह न सिर्फ मेरी व्यक्तिगत आस्था पर हमला है बल्कि अस्पृश्यता जैसे अपराध को बढ़ावा देने वाला बयान है।”
उन्होंने लिखा, “क्या बीजेपी दलितों से इतनी नफरत करती है कि हमें पूजा पाठ करते भी नहीं देख सकती है? क्या भगवान पर केवल भाजपा नेताओं का अधिकार हो गया है?” जूली ने कहा, “मुख्यमंत्री जी एवं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे दलितों के मंदिर जाने पर गंगाजल से मंदिर धुलवाने के बयान का समर्थन करते हैं?”
कांग्रेस के कई अन्य विधायकों एवं नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे को उठाते हुए आहूजा और भाजपा पर निशाना साधा। दलित नेता जूली अलवर (ग्रामीण) सीट से कांग्रेस विधायक हैं, जबकि आहूजा अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व विधायक हैं।
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