राजस्थान में महारणा प्रताप के वंशजों का राजघराना आज दिनभर काफी चर्चा में रहा है। वजह संपत्ति का विवाद है, यह विवाद एक बार फिर महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन (10 नवंबर 2024 को निधन) के बाद शुरू हो गया है। वह पूर्व राजघराने के आखिरी महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के बड़े बेटे थे। उनके निधन के बाद आज उनके इकलौते बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ (बीजेपी विधायक) की राजतिलक की रस्म थी। चितोड़गढ़ दुर्ग में परंपरा के तौर पर राजतिलक हुआ।
यह समारोह चित्तौड़गढ़ किले के फतेहप्रकाश महल में आयोजित किया गया था और इसमें कई राजपरिवारों के प्रमुखों ने भाग लिया था। इस दौरान विश्वराज सिंह मेवाड़ को 21 तोपों की सलामी दी गई। वह एकलिंगनाथजी के 77वें दीवान बन गए हैं।
राजतिलक का यह अवसर महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच चल रहे विवाद के कारण काफी सुर्खियों में आ गया। अरविंद सिंह मेवाड़ ने अनुष्ठान के तहत विश्वराज के परिवार के देवता एकलिंगनाथ मंदिर और उदयपुर के सिटी पैलेस में जाने की योजना के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किया था। उदयपुर का सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर उदयपुर के अरविंद मेवाड़ के पास ही है। उनके नोटिस में लिखा गया है कि यह सब उनके हिस्से पर अतिक्रमण के लिए हो रहा है।
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अरविंद सिंह मेवाड़ उदयपुर में श्री एकलिंगजी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी हैं। उनके वकील द्वारा जारी दो सार्वजनिक नोटिसों में आरोप लगाया गया था कि समारोह के नाम पर अतिक्रमण का प्रयास किया गया था, और अनधिकृत व्यक्तियों को मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा।
नोटिस के बाद, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के गेट के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि मंदिर ट्रस्ट ने ट्रस्ट द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को प्रवेश देने का फैसला किया है। सिटी पैलेस में प्रवेश के लिए भी इसी तरह का नोटिस जारी किया गया था।