राजस्थान के कीरतपुरा गांव में 23 दिसंबर को बोरवेल में गिरी साढ़े तीन साल की बच्ची को बचाने के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। एनडीआरएफ के अधिकारियों के अनुसार, सोमवार तक काम पूरा होने की उम्मीद है । जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल सभी संभावित विकल्पों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

बोरवेल में फंसी साढ़े तीन साल की बच्ची को बचाने के लिए बचाव अभियान में ठोस चट्टान को काटने में कठिनाइयां आ रही हैं। एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीना ने कहा कि ऑपरेशन को शुरू हुए आठ दिन हो गए हैं। फंसी हुई बच्ची तक पहुंचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।

मीना ने रविवार को संवाददाताओं से कहा, “ठोस चट्टान के कारण, हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। चट्टान को काटना कठिन है लेकिन बचाव कार्य चल रहा है। हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही लड़की को बचा लेंगे। लगभग आधा काम हो चुका है और हम इसे कल तक पूरा करने की कोशिश करेंगे।”

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कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने रविवार को बताया कि बच्ची तक पहुंचने के लिए सुरंग के निर्माण में चट्टानों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, सुरंग के ऊपर और नीचे के तापमान में काफी अंतर भी मुश्किलें पैदा कर रहा है। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा, “हम सुरंग का निर्माण कर रहे हैं, चुनौती बढ़ गई है क्योंकि सुरंग का मार्ग पथरीला है। ऊपर और नीचे के तापमान में बहुत अंतर है। सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है और चर्चा की जा रही है। सबसे अच्छे उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।”

अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन में बी-प्लान को लागू किया गया और बोरवेल के बगल में छेद में एक पाइप उतारा गया। राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF ) और स्थानीय प्रशासन की टीमों सहित अधिकारी बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

एनडीआरएफ के एक कर्मी ने कहा था कि वे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद लड़की को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बच्ची 23 दिसंबर को कीरतपुरा गांव में अपने पिता की खेतिहर जमीन में खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग