Aata Sata Pratha: राजस्थान में आटा-साटा प्रथा न मानने की वजह से एक परिवार का हुक्का पानी बंद करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने अब इस मामले में एक्शन लिया है और 6 जातीय पंचायतों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह पूरा मामला जालोर जिले के जैसावास इलाके का है। 6 जातीय पंचों ने प्रथा ना मानने की वजह से परिवार का हुक्का-पानी तो बंद कर ही दिया साथा में 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया। इस मनमानी के विरोध में परिवार ने थाने में केस दर्ज कराया।

पुलिस के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि जैसावास का रहने वाला छगनाराम चौधरी पुलिस विभाग में ट्रेनी कांस्टेबल है। उसने 9 दिसंबर 2024 को लड़की और उसके परिवार वालों की मंजूरी के बिना आटे-साटे की प्रथा को ना मानते हुए उदयपुर में शादी कर ली। इससे छह जातीय पंचायत नाराज हो गईं और उन्होंने युवक के परिवार का पूरी तरह से हुक्का-पानी बंद कर दिया। इतना ही नहीं 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसकी वजह से परिवार ने पुलिस में केस दर्ज करवाया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

पुलिस ने बताया कि खाप पंचायत के जैसावास गांव के 6 लोगों ने पूरे गांव को एकत्रित कर परिवार द्वारा आटा-साटा की परंपरा तोड़ने पर नाराजगी जताई और अंजाम भुगतने की भी धमकी दी। इसके बाद में तथाकथित पंचों ने गांव को इकट्ठा कर छगनाराम और युवती के परिवार को गांव से निकाल कर उनका हुक्का-पानी तक बंद कर दिया। वहीं गांव और समाज में वापस लौटने पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसकी वजह से पूरे परिवार को अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की तहकीकात में जुट गई है।

टीचर का कहना माना, फिर भी हुई बच्ची की पिटाई

इस प्रथा को आसान भाषा में समझें तो यह एक तरह से अदला-बदली है। आटा साटा प्रथा के तहत लड़के की शादी किसी लड़की से होती है तो लड़की की तरफ से किसी लड़के की शादी होने वाले पति की बहन से की जाती है। इस तरह अदला-बदली की जाती है। इसके जरिये कई बार लड़के का भविष्य भले ही सुरक्षित मान लिया जाता है, लेकिन लड़कियों को उनकी पसंद-नापसंद से समझौता करना पड़ता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई ऐसे मामले भी सामने आए जब बच्चों के जन्म से पहले ही उनके रिश्ते तय हो गए।