उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। कानपुर के घाटमपुर स्थित स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की पतारा शाखा में लूट को बैंक मैनेजर, कैशियर और गार्ड ने नाकाम कर दिया। हालांकि इस दौरान तीनों ही जख्मी हो गए। शनिवार सुबह बैंक में एक नकाबपोश बदमाश ने लूट करने की कोशिश की थी।
बैंक मैनेजर वीरेंद्र प्रताप सिंह ने स्थानीय मीडिया को बताया कि शनिवार सुबह बैंक में वह मौजूद थे। इसके अलावा कैशियर प्राणनाथ शुक्ला, हनुमंत विहार, सिक्योरिटी गार्ड सुनील कुमार और महिला कर्मचारी सपना कुमारी रोज की तरह काम कर रहे थे। करीब 10:45 बजे मास्क लगाकर बैंक में एक बदमाश दाखिल हुआ और वह चाकू से गार्ड के चेहरे और गर्दन पर वार करने लगता है।
इस दौरान कैशियर ने गार्ड पर हमला होते हुए देख लिया और उन्होंने बदमाश को पकड़ने का प्रयास किया। बदमाश ने कैशियर को भी जख्मी कर दिया, लेकिन मैनेजर और गार्ड ने हिम्मत नहीं हारी। तीनों ने मिलकर बदमाश को पकड़ कर रस्सी से बांध लिया। इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस ने हमलावर को हिरासत में लिया।
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हमलावर भी इस हाथापाई में घायल हो गया था और उसे कानपुर के हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि बैंक मैनेजर और कैशियर का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। हमलावर की पहचान छात्र के रूप में हुई है और उसका नाम लवीश मिश्रा है। हमलावर बीएससी थर्ड ईयर का छात्र है। उसके पास से चाकू, तमंचा, दो सर्जिकल ब्लेड और सूजा भी बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार लविश मिश्रा पतारा के संचितपुर का रहने वाला है।
अहम बात यह है कि हमलावर ने लूट की प्लानिंग रील्स देखकर बनाई थी। पुलिस के अनुसार उसने लूट, हथियार बनाने, उसे चलाने और वार करने के लिए रील्स को देखकर योजना बनाई थी। इसके अलावा हमलावर ने शरीर के अन्य पार्ट्स की भी जानकारी जुटाई थी। हमलावर ने रील के माध्यम से ही पता किया कि मोबाइल की गतिविधि से पुलिस आरोपियों को पहचान लेती है। इसलिए उसने लूट के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया और उसे घर पर ही रख दिया था। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गांव के लोग लविश को सिरफिरा बताते हैं और वह दिन भर रील देखता रहता है।