Pran Pratishtha Ram Mandir Ayodhya: उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी एक बार फिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ। प्राण प्रतिष्ठा से पहले सीएम योगी ने अयोध्या पहुंच रामलला के दर्शन किए। पिछले साल 22 जनवरी को राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। आज पूरे विधि विधान के साथ खास अभिजीत महूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Darbar Pran Pratishtha) कार्यक्रम हुआ। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर खास वैदिक मंत्रों से गूंज उठा। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर करीब 17 मिनट का शुभ मुहूर्त तय किया गया था। यानी कि दिन में 11:25 बजे से 11:40 के बीच राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम था।
भगवान राम के दरबार में भगवान राम, मां सीता, परम भक्त हनुमान के साथ ही भगवान राम के तीनों भाई लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की भी प्रतिमाएं विराजमान हैं। राम दरबार की स्थापना मंदिर की पहली मंजिल पर हुई। इसके बाद परकोटे में स्थित छह अन्य मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस खास पल के लिए गंगा दशहरा का खास दिन चुना गया है।
राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के लिए गंगा दशहरा के दिन 17 मिनट के खास अभिजीत मुहूर्त को चुना गया। इसके पीछे की वजह यह है कि मान्यता के मुताबिक, भगवान राम का जन्म द्वापर युग में अभिजीत मुहूर्त में ही हुआ था। इसलिए राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में की जा रही है।
बुधवार को राम मंदिर में भव्य पालकी यात्रा निकाली गई थी। इसमें राम दरबार, शिव, शेषावतार, मां अन्नापूर्णा, मां दुर्गा, भगवान सूर्य देव, गणेश जी और बजरंगबली समेत 8 देवी-देवताओं की उत्सव मूर्तियाों को राम लला के दर्शन कराए गए थे। इन सभी को पालकी में मखमल की चादर पर विराजमान कर भ्रमण कराया गया था। यह आयोजन देव विग्रहों की स्थापना के पहले अनिवार्य रूप से होने वाले नगर भ्रमण का प्रतीक रहा।
बता दें, 3 जून से लेकर 5 जून तक राम दरबार समेत कई देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा का विराट आयोजन अयोध्या में किया गया। आज समापन का दिन है। देवी-देवताओं के आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 5 जून को गंगा दशहरा के दिन ख़त्म होगा। राम दरबार समेत अष्ट देवालयों में देव विग्रहों के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले दिन यज्ञशाला में विभिन्न शास्त्रीय अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया। दूसरे दिन विभिन्न अधिवास हुए और उत्सव विग्रहों का परिसर भ्रमण कराया गया। साथ ही यज्ञमंडप के अलावा प्राण प्रतिष्ठा वाले स्थानों पर भी पूजन किया गया।
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अयोध्या में मंत्रों के जाप, राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भक्ति भजनों के साथ हवन-पूजन समेत अनुष्ठान चल रहे हैं। भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और भगवान हनुमान की मूर्तियों के साथ-साथ छह अन्य मंदिरों की मुख्य प्राण-प्रतिष्ठा आज होनी है। देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्रतिष्ठा होगी, उनमें शिवलिंग, गणपति, हनुमान जी, सूर्य देव, भगवती, अन्नपूर्णा, शेषावतार और श्रीराम दरबार प्रमुख हैं।
राम मंदिर में बुधवार को पूरे दिन प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चलती रहीं। हर तरफ उत्सव-पूजन की धूम रही। शाम जैसे ही हुई, अलग-अलग मंदिरों में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों के सामने छोटी-छोटी शैय्या बिछा दी गईं। ये चौकीनुमा शैय्याएं शीशम की लकड़ी से बनाई गई थीं। इनको फूलों से सजाया गया था और इन पर मखमल का नरम कपड़ा बिछाया गया था। सभी देवी-देवताओं के विग्रह को इस खास बिछौने पर विश्राम कराया गया। गुरुवार को सुबह 6 बजे सभी को जगा दिया गया। क्यों कि आज प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खास पूजन शुरू किया जाना है। सीएम योगी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
इस समारोह में श्री राम जन्मभूमि परिसर में राजा राम और अन्य देवताओं की स्थापना की जाएगी। पिछले साल जनवरी में आयोजित पहली प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरा ऐसा आयोजन है।
तीन दिवसीय यह उत्सव 3 जून को शुरू हुआ और इसका समापन समारोह 5 जून को होगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह कार्यक्रम अंजनेया सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गयाऔर अनुष्ठान गुरुवार को सुबह 11 बजे शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राम मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा समारोह की अध्यक्षता की। यह कार्यक्रम उनके 53वें जन्मदिन के अवसर पर हुआ।
अंजनी सेवा संस्थान के अध्यक्ष शशिकांत महाराज ने राजा राम की पुनः स्थापना के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह की रस्मों के बारे में बताया। अनुष्ठान वैदिक मंत्रोच्चार और हवन से शुरू होंगे। मुख्यमंत्री भगवान राम और सीता की मूर्तियों की ‘आंखें खोलने’ की रस्म भी निभाई गई.
तीन दिवसीय अनुष्ठान के लिए अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। हालांकि श्रद्धालुओं को रामलला के नियमित दर्शन पर रोक नहीं लगाई गई है। किराएदारों और अनधिकृत बस्तियों के निवासियों का सत्यापन शुरू हो गया है। सीआरपीएफ, एसएसएफ और पीएसी के जवान भी मौजूद हैं।
राम दरबार में भगवान राम और माता सीता की मूर्ति को दो फुट ऊंचे सफेद संगमरमर के सिंहासन पर रखा गया। उनके साथ ही भगवान हनुमान और लक्ष्मण की मूर्ति भी बैठी हुई मुद्रा में रखी गईं। सभी मूर्तियों और सिंहासन को राजस्थान के जयपुर में सफेद संगमरमर से तराशा गया है।
वास्तुकला की दृष्टि से, श्री राम जन्मभूमि मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है, जिसमें मंदिर की दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं की जटिल नक्काशीदार आकृतियां दिखाई देती हैं। राम दरबार 4.5 फीट ऊंचा है।
राम की मूर्ति को जटिल रूप से डिज़ाइन किए गए मुकुट, जड़ाऊ बेल्ट, कढ़ाई वाले वस्त्र और ज़री और कीमती पत्थरों से जड़े कपड़ों से भी सजाया जाएगा। प्रसिद्ध कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर मनीष तिवारी को भगवान की पोशाक डिज़ाइन करने का काम सौंपा गया है।
मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए, मंदिर की पहली मंजिल पर सीमित संख्या में ही श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। दूसरी मंजिल पर रामायण की कई भाषाओं में प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें इसका सबसे पुराना संस्करण भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया था। एएनआई से बात करते हुए महामंडलेश्वर विष्णु दास ने कहा, “22 जनवरी को भगवान राम के ‘बाल रूप’ की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई थी, अब यह राजा राम हैं।” वहीं, राम मंदिर में फिर क्यों हो रहा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम? पढ़ें…पूरी खबर।