UP Politics: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। दोनों पार्टियों ने 2024 का लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा और आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया। यूपी में एक साथ 43 सीटें जीतीं। जिसने बीजेपी की रणनीति पर सवालिया निशान खड़े कर दिए। जिसकी सबसे बड़ी वजह थी कि यूपी में बीजेपी की सरकार है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, जो कट्टर हिंदुत्व के लिए जाने जाते हैं। लेकिन उसके बाद से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में संबंध में खराब हो गए। वो था अक्तूबर 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव और फिर इस साल फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव। जिसमें सपा ने कांग्रेस को समर्थन न देकर आम आदमी पार्टी के पक्ष में प्रचार किया।
2024 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन के विजेताओं में सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भी शामिल हैं। जिन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहकर यूपी में इंडिया अलायंस में तनाव को फिर से हवा दे दी कि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच संबंधों को फिर से बनाने की जरूरत। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मसूद ने गठबंधन के भविष्य के बारे में इंडियन एक्सप्रेस से बात की। जिसमें उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए।
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर दोनों तरफ से कई बार तनाव और आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला है। दोनों पार्टियों के बीच लगातार मतभेद क्यों देखने को मिलते हैं?
कोई दिक्कत नहीं है। कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रही है और हम बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत कर रहे हैं। कुछ लोगों ने बयान दिया है कि हम (कांग्रेस) उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। मैं कहना चाहता हूं कि हम जमीन पर मेहनत कर रहे हैं और हमें बैसाखी की जरूरत नहीं है। हम अपने दम पर लड़ेंगे और अगर सहमति बनती है तो वह सम्मान की बात होगी। हम उन्हें (सपा को) यह तय नहीं करने देंगे कि हम किन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। अगर सहमति बनती है तो हम तय करेंगे। और यह फैसला पार्टी नेतृत्व को करना है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के अधिकारों को सुरक्षित करना मेरा काम है। उनकी भी उम्मीदें और आकांक्षाएं हैं।
क्या आप स्पष्ट कर सकते हैं कि आपने सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के बारे में क्या कहा है?
मैंने कहा है कि 80-17 का फॉर्मूला काम नहीं करेगा। यानी संसदीय चुनाव में हमें 17 सीटें दी गईं (यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से)। यह काम नहीं करेगा। वोट राहुल गांधी के नाम पर डाले गए थे। राहुल जी के नाम पर अनुकूल परिस्थितियां हैं। मैंने कहा है कि अगर कोई समझौता होता है, तो उसे सम्मानजनक होना चाहिए।
आपके विचार से 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सपा के साथ गठबंधन के तहत कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए?
हम सभी 403 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं। अगर कोई समझौता है तो वह बराबर होना चाहिए। उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि हम ये सीटें आपके लिए छोड़ रहे हैं। यह फैसला कांग्रेस नेतृत्व करेगा। हम सपा से कुछ नहीं मांग रहे हैं।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों से खुद को अलग कर लिया, क्योंकि उसे चार सीटें नहीं मिलीं, जो वह चाहती थी? पार्टी ने समझौता क्यों किया?
मैं इसी बारे में बात कर रहा हूं… क्योंकि उन्होंने (सपा ने) हमसे कहा कि हम इन सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। आप हमारे लिए क्यों फैसला कर रहे हैं? आप फैसला नहीं करेंगे। अगर हम सहयोगी हैं, तो हम अपनी सीटें तय करेंगे।
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मसूद ने कहा कि बहुत सी आंतरिक बातें हैं जो मुझे बाहर नहीं कहनी चाहिए। लेकिन मैं फिर से कहूंगा – वे हमारी सीटें (अभी) तय नहीं करेंगे। वे हमें ऐसी सीटें ऑफर करते हैं जहां हम हार जाएंगे। इसलिए, हमने उपचुनाव वाली सीटें छोड़ दीं। गठबंधन की वजह से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है। देखिए, भाजपा अपने सहयोगियों को खा जाती है। दूसरी तरफ, हमारे सहयोगी हमें खा जाते हैं।
यूपी में कांग्रेस को विपक्ष में सपा के बाद दूसरे नंबर पर माना जाता है। हमने लोकसभा चुनाव में और फिर उपचुनावों में भी यह देखा। ऐसा क्यों है?
यूपी में हालात ऐसे हैं कि कांग्रेस तीन दशक से सत्ता से बाहर है। हम सत्ता में वापस आने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसके लिए काम कर रहे हैं। मेरा दर्द मजदूरों का दर्द है। यह व्यक्तिगत नहीं है। जो मजदूर साल भर मेहनत करते हैं, उन्हें तकलीफ होती है।
क्या आपको लगता है कि अगर कांग्रेस और सपा अलग-अलग चुनाव लड़ें तो भाजपा को फायदा होगा? मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने की संभावना है।
यह सच नहीं है। लोग समझते हैं कि अगर आज कोई बीजेपी से लड़ सकता है तो वो राहुल गांधी हैं। कोई और नहीं है। मैं यही कहूंगा कि जब समुद्र में तूफान आता है तो उसका सामना छोटी नावों से नहीं बल्कि जहाजों से होता है। और इस समय देश में राजनीतिक तूफान चल रहा है। इसलिए मैं कहता हूं कि सभी को कांग्रेस के साथ आना चाहिए। यह एकमात्र ऐसी पार्टी है जो कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जा सकती। वहीं, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बड़ा ऐलान किया है। पढ़ें…पूरी खबर।