सात तारीख को पूरे देश में बकरीद का त्योहाकर मनाया जाएगा। बकरीद के त्योहार पर संभल में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। जिले के डीएम राजेंद्र पेन्सिया ने मंगलवार को बताया कि बकरीद के त्योहार के दौरान सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी देने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से प्रतिबंधित पशुओं के वध पर वर्षों से प्रतिबंध लगा हुआ है और बीते पांच सालों से ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा, “ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होने की उम्मीद है। प्रशासन पानी, बिजली और सफाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।”
संभल में जिला प्रशासन ने तमाम मौलाना और मौलवियों को सलाह दी है कि वे सात जून से नौ जून के बीच कुर्बानी की रस्म को पूरी कर लें। संभल डीएम ने बताया कि एहतियाती उपायों के तौर पर लगभग 900 से 950 व्यक्तियों के खिलाफ निवारक उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शांति भंग करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर जानवरों की कुर्बानी के वीडियो शेयर करने के खिलाफ भी चेतावनी जारी की।
‘इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया’ के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बीते सोमवार को एक सुझाव में कहा कि सिर्फ उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जानी चाहिए जिनको लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी सात जून, आठ जून और नौ जून को दी जा सकती है।
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उन्होंने मुसलमानों से “कानून के दायरे में रहते हुए कुर्बानी की रस्में निभाने” का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ईद-उल-अजहा सात जून (शनिवार) को मनाई जाएगी।
खालिद रशीद ने एडवाइजरी में कहा, “हमेशा की तरह इस बार भी केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी दी जानी चाहिए जिन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कुर्बानी स्थल पर साफ-सफाई बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। जानवरों की कुर्बानी खुले स्थानों, गलियों, सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थानों पर नहीं दी जानी चाहिए।”
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