शुक्रवार सुबह दिल्ली में अचानक आंधी और बारिश से लोगों को परेशानी हुई लेकिन नजफगढ़ में रहने वाले अजय का परिवार इस प्राकृतिक घटना में पूरी तरह से उजड़ गया। अजय की पत्नी ज्योति अपने तीन बच्चों के साथ अभी बीस दिन पहले ही कानपुर स्थित अपने गांव से दिल्ली आई थी। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति गर्भवती थी इसलिए वह अपने पति के गांव चली गई थी। सात महीने पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया था और अभी बीस दिन पहले ही अपने पति के पास नजफगढ़ लौटी थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्रवार सुबह जब आंधी आई, उस समय ज्योति (28) और उसके तीनों बच्चे आर्यन (सात साल), ऋषभ (पांच साल) और प्रियांश (सात महीने) Kharkhari Nahar गांव में अपने घर में सो रहे थे, तभी एक नीम का पेड़ गिरता है और इसके नीचे दबने से उनकी मौत हो जाती है। इस हादसे में अजय भी चोटिल होते हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां से उन्हें दोपहर दो बजे डिस्चार्ज कर दिया था।

अस्पताल के डिस्चार्ज किए जाने के करीब आधे घंटे बाद अजय राव तुला राम अस्पताल के शवगृह में अपने बच्चों और पत्नी के शवों को अंतिम बार घर ले जाने का इंतजार कर रहे थे।

अजय खेतों में मजदूर के रूप में काम करते हैं। वह एक खेत के बीच में बने एक कमरे के ट्यूबवेल रूम में अपने परिवार के साथ रहते थे। अजय के चाचा सुखदेव कुशवाहा ने बताया कि उन्हें सुबह करीब छह बजे अजय के पिता ने कॉल कर घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अजय ठेकेदार ने उसके घर पर पेड़ गिरने की जानकारी दी। इसके बाद अजय का चचेरा भाई अंकुश कानपुर से दिल्ली के रवाना हुआ।

किराए के कमरे में रहते थे अजय और ज्योति

उन्होंने बताया कि अजय और ज्योति किराए के कमरे में रहते थे। ज्योति जब प्रेग्नेंट थी, वह कानपुर चली गई। इसके बाद अजय खेत में बने इस कमरे में शिफ्ट हो गया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अजय करीब 15 साल पहले काम करने के लिए दिल्ली आया था। वह पिछले दो सालों से ठेकेदार देवराज सिंह के साथ एक खेत पर मजदूर के तौर पर काम कर रहा था।

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शुक्रवार देर शाम दिल्ली सरकार की तरफ से अजय को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया। घटना के बारे में दिल्ली पुलिस के डीसीपी (द्वारका) अंकित सिंह ने कहा कि सुबह 5.26 बजे पीसीआर को घर ढहने की सूचना मिली। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पाया कि तेज हवाओं की वजह से नीम का पेड़ उखड़ गया था और एक छोटे से घर पर गिर गया। मलबे के नीचे पांच लोगों का परिवार फंसा हुआ था। उन्होंने बताया कि पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीम ने परिवार को मलबे से बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां चार को मृत घोषित कर दिया गया।

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