UP Politics: जून के महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के विधायक अब्बास अंसारी को तीन साल पुराने भड़काऊ भाषण के मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उनकी यूपी विधानसभा से सदस्यता चली गई। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की पिछले साल बांदा जेल में मौत हो गई थी। मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी योगी कैबिनेट में शामिल मंत्री ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मऊ सदर विधायक थे।
सुभासपा का पहले समाजवादी पार्टी से गठबंधन था लेकिन वो गठबंधन टूट गया है और सुभासपा आज एनडीए में है। अब्बास की अयोग्यता के बाद, 403 सदस्यीय यूपी सदन ने फरवरी-मार्च 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद से अब तक निलंबित होने वाले विधायकों की संख्या 06 तक पहुंच गई है। हाल के वर्षों में अयोग्यता का ये आंकड़ा काफी ज्यादा है, जबकि अभी भी यूपी विधानसभा का दो साल का कार्यकाल बचा हुआ है।
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सजा होने पर विधायकों और सांसदों की सदस्यता जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया जाता है, जिसके तहत कुछ मामलों में दोषियों को छह साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है, जिसमें दो या अधिक वर्षों की जेल की सजा वाले किसी भी अपराध के लिए दोष सिद्धि भी शामिल है।
मुख्य विपक्षी दल सपा ने अपने विधायकों की अयोग्यता को बदले की राजनीति बताया है, जबकि बीजेपी ने कहा है कि अयोग्यताएं अदालती सुनवाई और दोषसिद्धि के मद्देनजर की गई हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सपा प्रवक्ता और घोसी से लोकसभा सांसद राजीव राय ने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि BJP सरकार की सत्ता के अहंकार के कारण हमारे नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति है। यह सत्ता का खुला दुरुपयोग है। BJP के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अयोग्यताएं एक प्रक्रिया के तहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि क्या सपा हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका पर भरोसा पर भरोसा नहीं है, कि इस तरह के सवाल उठाए हैं।
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2017 में बीजेपी की सत्ता आने के बाद पूर्व मंत्री और सपा नेता आजम खान के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। 2022 में आजम खान को 2019 के एक नफरत भरे भाषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी विधानसभा सदस्यता खोनी पड़ी। चुनाव अधिकारी अनिल कुमार चौहान की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। आजम खान पर आरोप था कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, उन्हें धमकाया और दंगा भड़काने की कोशिश की। इस सीट पर 2022 दिसंबर में चुनाव हुए तो आकाश सक्सेना ने जीत हासिल की थी।
नवंबर 2022 में, 2013 मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के एक महीने बाद सैनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सैनी को तब अयोग्य घोषित किया गया था जब राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी ने यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को एक पत्र लिखकर पूछा था कि जब सपा विधायक आजम खान के मामले में तुरंत कार्रवाई की गई थी, तो दोषी विधायक की सीट अभी तक खाली क्यों नहीं घोषित की गई। दिसंबर 2022 के उपचुनाव में सपा समर्थित रालोद उम्मीदवार मदन भैया ने सैनी की पत्नी और BJP उम्मीदवार राजकुमारी सैनी को 22,143 से अधिक मतों से हराया।
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फरवरी 2023 में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को 15 साल पुराने एक मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसमें अब्दुल्ला और उनके पिता पर मुरादाबाद में पुलिस द्वारा चेकिंग के लिए उनके वाहन को रोके जाने के बाद यातायात को अवरुद्ध करने का मामला दर्ज किया गया था। जिस घटना के लिए दोनों नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, वह जनवरी 2008 में पड़ोसी रामपुर जिले में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें सात जवानों और एक रिक्शा चालक की जान चली गई थी।
अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 341, और 353 तथा आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। अब्दुल्ला को विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 2020 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके चुनाव को रद्द कर दिया था जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित किया गया था। मई 2023 के उपचुनाव में यह सीट भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनीलाल) के उम्मीदवार शफीक अहमद अंसारी ने सपा की अनुराधा चौहान के खिलाफ 8,724 वोटों से जीतीं थी।
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जून 2024 में सोलंकी उनके छोटे भाई रिजवान और तीन अन्य को 2022 में कानपुर के जाजमऊ इलाके में एक महिला को परेशान करने और उसकी जमीन हड़पने के प्रयास में उसके घर में आग लगाने के आरोप में सात साल कैद की सजा सुनाई गई थी। चार बार विधायक रहे सोलंकी के खिलाफ 2022 से अब तक आठ मामलों में मामला दर्ज किया जा चुका है, जिसमें यूपी गैंगस्टर्स एक्ट और जालसाजी के आरोप शामिल हैं।
इसके बाद सोलंकी को विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। नवंबर 2024 में हुए उपचुनाव में इरफान सोलंकी की पत्नी सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने सीसामऊ सीट से बीजेपी के सुरेश अवस्थी को 8,564 वोटों से हराया।
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