उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 75 जिलों में से प्रत्येक में एक स्थानीय व्यंजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पाक पर्यटन (Culinary Tourism) को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। लखनऊ के विभिन्न व्यंजनों को बढ़ावा देने के अलावा, सरकार ‘एक जिला, एक व्यंजन (One District One Cuisine)’ पहल शुरू करने पर विचार कर रही है जिसके तहत प्रत्येक जिले के एक व्यंजन को सरकार द्वारा लोकप्रिय बनाया जाएगा।

इस विचार को तब बढ़ावा मिला जब लखनऊ का नामांकन “यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी” के लिए स्वीकार कर लिया गया।पिछले महीने केंद्र सरकार द्वारा लखनऊ को इस श्रेणी में नामित किये जाने तक हैदराबाद यूनेस्को की Creative City of Gastronomy की लिस्ट में शामिल एकमात्र भारतीय शहर था। बताया जा रहा है कि नामांकन के बाद हाल ही में यूनेस्को की एक टीम ने लखनऊ का दौरा किया था।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा, “अभी तक केवल हैदराबाद ही इस सूची में था इसलिए हमने सोचा कि शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों के समृद्ध इतिहास वाला लखनऊ इस परियोजना के लिए एक आदर्श उम्मीदवार है। लखनऊ का नामांकन दुनिया भर से आए आवेदनों में से स्वीकार किया गया है। यह अपने आप में एक उपलब्धि है और हमें विश्वास है कि जल्द ही शहर आधिकारिक तौर पर अंतिम सूची में भी जगह पा लेगा।”

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‘एक जिला, एक व्यंजन’ पहल के तहत, प्रत्येक जिले में कम से कम एक व्यंजन को सोशल मीडिया पर शेयर किया जाएगा, इसके अलावा होटलों की मदद से इन स्थानीय व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए खाद्य महोत्सवों का आयोजन किया जाएगा।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव ने कहा, “उत्तर प्रदेश में पाक-कला पर्यटन स्थल बनने की क्षमता है क्योंकि इसके कई व्यंजन जैसे ‘आगरा का पेठा’, ‘मथुरा का पेड़ा’, ‘बनारस की चाट’, ‘संडीला के लड्डू’ या लखनऊ के अवधी व्यंजन आदि पहले से ही दुनिया भर में काफी लोकप्रिय हैं। यही कारण है कि हम “एक जिला, एक व्यंजन” पहल के साथ आने के बारे में सोच रहे हैं। इसके लिए, हम स्थानीय व्यंजनों और उनके पारंपरिक निर्माताओं को बढ़ावा देंगे और इससे उन्हें अधिक व्यवसाय उत्पन्न करने में मदद मिलेगी।”

इन स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने की उनकी योजना के बारे में अधिकारी ने कहा, “सोशल मीडिया बहुत प्रभावी है इसलिए हम इसका भरपूर उपयोग कर रहे हैं। साथ ही, हम फ़ूड फ़ेस्टिवल की योजना बनाएंगे, पारंपरिक भोजनालयों को शामिल करेंगे, स्थानीय रेस्टोरेंट और होटलों से स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए कहेंगे ताकि पर्यटक असली स्वाद के लिए अपनी यात्रा की योजना बना सकें।”

अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रमुख व्यंजनों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है, जहां व्यंजनों, उनकी विशेषताओं और उनसे संबंधित जिलों की जानकारी तस्वीरों के साथ शेयर की जाती हैं। पढ़ें- बाल-बाल बचीं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री गुलाब देवी